
लालू प्रसाद यादव और उनकी पुत्री मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार से लगातार आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के बाद अब बिहार के उप-मुख्य मंत्री और लालू पुत्र तेजस्वी यादव पर एक ज़मीन को ले कर क़ानूनी शिकंजा कसता दिख रहा है।
तेजस्वी यादव ने इस पर अपना बचाव करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट और ट्विटर हैंडल में लिखा है कि उन्हें झूठे मुक़दमे में फँसाया जा रहा है। उनहोंने विपक्ष से यह पुछा है कि जबका यह मामला है उस समय मेरी उम्र केवल 14 साल थी और उस समय मेरी दाढ़ी-मूँछ भी नहीं आयी थी। क्या 14 साल का नाबालिग़ घोटाला कर सकता है?
उनहोंने कहा कि कार्यभार संभालने के पहले दिन ही उनहोंने स्पष्ट कर दिया था कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टॉलरेंस नीति है और वह किसी प्रकार का भ्रष्टाचार सहन नही करेंगे। वह अपने फेसबुक अकाउंट में लिखते हैं कि “शुरू से मैंने ईमानदारी,निष्ठा, लगन और समर्पण की भावना से काम से किया है। क्या पिछड़े वर्ग से आने के कारण ही मुझे मोदी सजा दिलवा रहे है? पहले BJP लालू प्रसाद जी से डरती थी। अब मुझसे डरती है। हम चुप नहीं बैठेंगे,जनता के बीच उतकर इनके भ्रमजाल और अहंकार को तोड़कर करारा जवाब देंगे। आप हमारे डेढ़-दो साल के कार्यकाल को देखें, कोई उंगली नहीं उठा सकता है कि हमने कोई गलत काम किया हो। मेरे अधीन विभाग परफ़ोरमेंस में नं-1 है।”
उन्होंने आगे कहा कि “हाँ, दो साल पहले एक ग़लती की। हमने बिहार चुनाव में BJP को रगड़-रगड़ कर तबियत से जो धोया उसी पीड़ा का मोदी जी हमसे बदला ले रहे है।”
सुशिल कुमार मोदी ने इस पर कहा कि जब यह घोटाला हुआ था तब तेजस्वी यादव बालिग़ थे। तेजस्वी यादव पर प्राथमिकी होने से बिहार की राजनीति मे उथल पुथल साफ़ देखा जा सकता है। आम लोगों में भी अब महागठबंधन को लेकर आशंका जताई जा रही है।