
सोशल मीडिया पर आज नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और कुछ कुछ सुशील कुमार मोदी छाए रहे। नीतीश कुमार को इस्तीफ़ा के बाद सबसे पहले बधाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ़ से ट्विटर पर मिला हालांकि मोदी के इस ट्विट को देख कर कई लोगों के मन में शंका ज़रूर गहराया। लोग यह सोचने को विवश हो गए कि कहीं नीतीश का यह पूरा कई दिनों से खेला जा रहा खेल का स्क्रिप्ट प्रधान मंत्री कार्यालय में तो तैयार नहीं हो रहा था। प्रधान मंत्री मोदी ने नीतीश को बधाई वाले ट्वीट में कहा कि “भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई। सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं”, आगे और तुरंत बाद दुसरे ट्वीट में मोदी ने कहा कि “देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की माँग है।“
नीतीश और सुशील मोदी के शपथ लेने के बाद जब सबको यक़ीन हो गया कि अब नीतीश कोई और यू-टर्न नहीं लेंगे तो फिर कई और लोगों ने बधाई दिया। राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि “बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नई पारी शुरू करने के लिए श्री नीतीश कुमार को हार्दिक बधाई. पारदर्शिता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है.”
नरेंद्र मोदी की तरह उनहोंने भी ख़ुशी के दो ट्वीट किए। अपने दुसरे ट्वीट में उनहोंने सुशील मोदी को बधाई देते हुए कहा कि “बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए श्री सुशील मोदी जी को बधाई. प्रदेश को नई ऊँचाई पर ले जाने में उनका सहयोग महत्वपूर्ण होगा.”
माननीय प्रधान मंत्री और माननीय गृह मंत्री जब बधाइयों का तांता लगा रहे थे तब उन्हें कुछ अप्रिय ट्वीट भी प्राप्त हो रहे थे। जैसे कि एक ट्वीट राजनाथ से यह शिकायत कर रही थी दिल्ली करोल बाग के बाबा लाल दयाल चौक गोल चक्कर के अन्दर पार्क पर नशेड़ियों ने कब्जा कर रखा है और गांजा बेच रहे है @DelhiPolice करवाई नही कर रही। ज़ाहिर सी बात है कि यह गृह मंत्री का ध्यान आकर्षित करने को किया गया होगा लेकिन गृह मंत्री अभी सिर्फ बिहार पर ध्यान देना चाहते थे इसलिए इस ट्वीट का जवाब उनहोंने कुछ भी नहीं दिया। हाँ, अलबत्ता, दिल्ली पुलिस ने ट्वीटर पर अपने बॉस की लाज रखते हुए इसका जवाब ज़रूर दिया।
इसी तरह से मोदी की बधाई ट्वीट पर हरियाणा के संत राम पाल जी के शिष्यों ने मज़ा किरकिरा किया हुआ था। संत राम पाल के शिष्यों में से एक का कहना मोदी के पूरी ख़ुशी पर पानी फेरने के लिए काफ़ी था हालांकि मोदी ने अपनी ख़ुशी का मज़ा बिलकुल किरकिरा नहीं किया। संत राम पाल के शिष्य ने कहा कि “मौका परस्त मोदी जी आप से 681 दिन से सी बी आई जांच की मांग कर रहे है आप नही देते रिप्लाई & जब बारी आई स्वार्थ की तुरन्त ट्वीट दोगली राजनीति क्यों”, बेचारे को पता नही कि अभी सी बी आई बिहार में व्यस्त थी। मोदी जी को अब बेचारे की आवाज़ सुन ही लेनी चाहिए अब तो सी बी आई पूरी तरह से खाली बैठ गयी होगी।
इसी तरह से इसी बधाई की ट्वीट की ख़ुशी पर एक और ने पानी फेरना चाहा। इनकी अलग ही कुछ मांग है। यह पहले वाले व्यक्ति का जवाब देते हुए कहते हैं कि “भाई साहब यहाँ सबको अपने स्वार्थ की पड़ी है।। हम लोग 680 दिन से #बरवाला_कांड_2014 की मांग कर रहे है इनके कान पर जू नही रेंग रही।” अरे सर, 680 दिन बहुत होता है अब तो सुन लीजिए। विदेश तो घूमिएगा ही, कुछ देश का भी भला कर दीजिए।
खैर, अब आइए, नीतीश जी को बुरा भला कहने वाले ट्वीट पर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि “बिहार ने नितीशजी को anti communal लड़ाई लड़ने के लिए mandate दी, लेकिन नितीशजी अपनी personal politics के लिए उन्हीं लोगों से गले लग गए”। यह बात तो सही है। लेकिन राजनीति के सारे मापदंड तो कांग्रेस ने ही तय किया हुआ है न राहुल जी तो थोड़ा भुगतान तो करना ही पड़ेगा।
हाँ एक बात तो मैं भूल ही गया, वह यह कि राहुल कार्यालय ने इस ट्वीट को पिन कर दिया है, यह कई दिनों तक हिलने वाला नहीं। मतलब लोगों को यह याद दिलाता रहा जाएगा कि नीतीश धर्म निरपेक्षता त्याग कर चुके हैं और सांप्रदायिकता अपना चुके हैं। यह बात भी सच है क्योंकि आज मैंने नितीश को पहली बार माथे पर तिलक लगाए हुए देखा। कहाँ मौलाना टोपी पहनने वाले नीतीश गठबंधन बदलते ही टोपी की जगह तिलक लगा लिया। यह पक्का घर वापसी है।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर मनोज झा ने अपने ट्वीट में कहा कि “बिहार के दलित,महादलित, पिछड़े, अत्यंत पिछड़े/अकलियत के लोग नीतीशजी से कह रहे हैं कि ‘माल महाराज का और मिर्ज़ा खेलें होली’.ज़रा सोचिए जय हिंद”। अरे सर, आपने तो एक दम से राहुल गांधी वाली बात ठेठ बिहारी में कह दिया।
राजद सुप्रीमो का भी ट्वीट का हाल जान लेते हैं। उनहोंने तो खूब कहा, रांची से पेशी से निकले और कहते ही गए, शाम में सबसे पहले नीतीश के त्यागपत्र के बाद उनहोंने कहा था कि “नीतीश जान दे देंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे”। हालांकि यह नीतीश जी का ही कथन था लेकिन इसका मतलब क्या कि सब आपही की तरह हो जाए, जिंदगी भर सेक्युलर और सामाजिक न्याय का मसीहा ही बना रहेगा तो हो गया बंटाधार। राजनीति में सबका जिगरा आप जैसा नहीं है न कि आपका पूरा परिवार आज सी बी आई और ई डी के निशाने पर है लेकिन आप हैं कि मसीहा गिरी छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। देखिए न मुलायम को कभी मुल्ला मुलायम कहा जाता था आज कितना करीब हैं मोदी जी के।
खैर, लालू जी का भी ट्वीट पढ़ लेते हैं। लालू ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में कहा कि “नीतीश कुमार, क़फ़न में जेब नहीं होती लेकिन कुकर्मों का दाग़ ज़रूर होता है। जनता और मालिक सबके सब कर्मों का लेखा-जोखा रखते है। धीरज रखिए”। इसको इन्होंने पिन किया हुआ है ताकि यह हिले नहीं और नीतीश को भगवान और जनता का डर याद दिलाता रहे।
ऐसे आज जनता ट्वीटर पर तेजस्वी के साथ ही रही। #BiharWithTejashwi ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा। शाम होते होते #मोदीभक्त_नीतीश भी ट्रेंड कर रहा था। तो यह रहा आज का सोशल मीडिया गपशप। फिर कल मिलेंगे।