
महामहिम राष्ट्रपति ने शनिवार को कई राज्यों के राज्यपाल की नई जिम्मेदारियों की घोषणा की। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के घोसी विधानसभा के विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया। फागू चौहान लालजी टंडन की जगह लेंगे.
फागू चौहान का जन्म आजमगढ़ के शेखपुरा में एक जनवरी, 1948 को हुआ था। उनके पिता का नाम खरपत्तु चौहान था। उनके तीन लड़के और चार लड़कियां हैं। पिछड़ी जाति से आनेवाले फागू चौहान वर्ष 1985 में पहली बार दलित किसान मजदूर पार्टी से घोसी विधानसभा से विधायक बने और यहीं से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा।
जनपद के लोकप्रिय व जनाधार वाले विधायकों में गिने जाने वाले चौहान पिछड़े वर्ग के प्रभुत्व वाले नेताओं में शामिल हैं। 1985 में चौधरी चरण सिंह की पार्टी दमकिपा से विधायक बनकर राजनीतिक सफर शुरू की थी. 1991 में राम लहर में भी इन्होंने घोसी विधानसभा में जनता दल का परचम फहरा कर अपनी विधायकी कायम रखा।
1996 में हुए विधानसभा के चुनाव में तीसरी बार जीते। 1997 में उन्हें रामप्रकाश गुप्त एवं राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में संस्कृति, पूर्त धर्मस्व तथा पशुधन एवं मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया। वर्ष 2002 में चौदहवीं विधानसभा में चौथी बार भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए और बसपा के साथ बनी गठबंधन की सरकार में कारागार एवं जेल सुधार मंत्री बने।
इसके बाद वर्ष 2006 में वे बसपा में शामिल हो गए तथा 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर सदन में पहुंचे। मुख्यमंत्री मायावती के मंत्रिमंडल में परिवार कल्याण मंत्री और बाद में राजस्व मंत्री का पद संभाला। 2012 के चुनाव में वे सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह से हार गए। इसके बाद फिर से बसपा को छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए. 2017 में भाजपा के टिकट पर फिर विधानसभा पहुंचे। इस बार मुख्यमंत्री योगी बनने के बाद मंत्री पद के प्रबल दावेदार रहने के बावजूद इन्हें कोई मंत्री पद नहीं दिया गया. हालांकि पिछड़ा वर्ग में उनकी लोकप्रियता को देख कर उन्हें राज्य के पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष मनोनीत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया।
फागू चौहान 10वीं पास हैं और इन पर कई आपराधिक मामले भी हैं. इन आपराधिक मामलों का संज्ञान भी न्यायालय ले चुकी है. 2017 के चुनाव में अपने एफिडेविट में इन्होंने इन मामलों का स्वयं ज़िक्र किया है. इन पर 143, 436, 427, 379, 440, 504 और 506 के तहत आरोप है. इन धाराओं में शन्ति भंग करने, चोरी और आगजनी के मामले गंभीर हैं.