
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि इस साल सितंबर महीने में विभिन्न कारणों से राज्य में 235 किसानों ने आत्महत्या किया है. गुरुवार को विधानसभा में महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
मंत्री ने जवाब में कहा, ‘विदर्भ क्षेत्र के 6 जिलों में जनवरी 2001 और अक्टूबर 2018 के बीच विभिन्न कारणों से 15,629 किसानों ने अपनी जानें गंवा दी. इसमें से 7,008 किसान वित्तीय मुआवजे के योग्य थे.
उन्होंने कहा कि नासिक जिले में जनवरी से सितंबर 2018 के बीच 73 किसान आत्महत्या के मामले सामने आए, जिसमें से 17 वित्तीय मुआवजे के हकदार थे. उन्हें 1 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई. हालांकि अभी भी 215 मामले जांच के लिए लंबित हैं.
वहीँ कोल्हापुर में 2004-2018 के बीच 113 किसानों ने आत्महत्या के मामले, मराठवाड़ा में जनवरी से सितंबर 2018 के बीच 674 किसानों ने आत्महत्या के मामले हुए.
आपको बताते चलें कि गुरुवार को लोक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शनकारी किसानों के साथ राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन भी थे. जिन्होंने ठाणे से लेकर मुंबई तक मार्च किया.
किसानों की मांग है कि पिछले साल फड़णवीस की तरफ से किए गए ऋण माफी को लागू किया जाए. साथ ही, फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें मानी जाए. आदिवासी किसानों के भूमि अधिकार और खेतिहर मजदूरों के लिए मुआवजे का ऐलान की मांग रखी.