
यह बेरोज़गारी की मार है या कम होती जा रही सरकारी नौकरी की चाहत आप तय करें लेकिन यह दृश्य भयावह और चिंताजनक है जब एमटेक, बीटेक और एमबीए सफाईकर्मी बनने को भी तैयार हों.
जी हाँ, यह दृश्य है तमिलनाडु विधान सभा सचिवालय में सफाईकर्मी की बहाली का.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चेन्नई में राज्य विधानसभा सचिवालय में 10 स्वीपर (Sweeper) और 4 सेनेटरी वर्कर (Sanitary Worker) की बहाली का विज्ञापन पिछले वर्ष 26 सितम्बर को निकाला गया था जिसमें 4,607 आवेदन मिले थे. इनमें 677 आवेदकों की अर्ज़ियाँ निरस्त कर दी गईं क्योंकि उनका आवेदन आवश्यकता के अनुरूप नहीं था.
लगभग 4 हजार आवेदकों की अर्ज़ियाँ स्वीकार की गईं जिनमें एमटेक, बीटेक, एमबीए, स्नातक और स्नातकोत्तर के थे. कुछ अर्ज़ियाँ एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज (employment exchange) से भी आई थीं.
इस खबर के आने के बाद, कई लोगों ने शिक्षा के स्तर पर भी प्रश्न उठाया है जबकि कईयों ने इसे बेरोज़गारी की मार बताया है.
आवेदक की न्यूनतम योग्यता उनका शारीरिक तौर पर स्वस्थ्य होना और आयु का 18 वर्ष होना था.
इंटरव्यू के लिए 3930 एडमिट कार्ड उम्मीदवारों को भेज दिए गए हैं. दोनों के लिए वेतन 15,700 रुपये से 50,000 रुपये तय किया गया है.
इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्रालय (राज्य सचिवालय) ने वेटर के 13 पदों पर भर्ती निकाली थी. ये भर्ती चौथी पास उम्मीदवारों के लिए निकाली गए थी. जिसमें 7000 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. इसमें आवेदन करने वाले ज्यादातर उम्मीदवार ग्रेजुएट थे.