
आगामी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा और नीतीश कुमार की JDU ने समीकरण सुलझा लिये, जिसे लेकर बीते काफी समय से दोनों के बीच गहमागहमी चल रही थी. बीजेपी और जदयू के बीच सीटों का समझौता हो गया है. मगर इस समझौते ने बिहार एनडीए के अन्य घटक दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है.
शुक्रवार को दिल्ली में अमित शाह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले और बैठक के बाद नतीजा यह निकला कि लोकसभा चुनाव में दोनों फिफ्टी-फिफ्टी के पार्टनर होंगे. हालांकि, इस समौझेते के बाद बिहार के सियासी गलियारों सियासी दावपेंच शुरू हो चूका है.
चिराग पासवान का अचानक तेजस्वी यादव को फोन करना और एनडीए से नाराज बताए जा रहे उपेंद्र कुशवाहा का तेजस्वी यादव से मिलना, ये सब किसी बड़े सियासी उठापटक के संकेत दे रहे हैं. वही ये भी माना जा रहा है कि बीजेपी और जदयू के बीच इस समझौते से अन्य एनडीए सहयोगियों की सीटों में कटौती होगी.
दरअसल, दिल्ली में आगामी लोकसभा चुनाव में बराबर सीटों पर लड़ने की घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने की. उधर ऐलान के कुछ समय बाद ही रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव की मुलाकात की खबर आई. इसके बाद कायासों का दौर ही शुरू हो गया.