
कांग्रेस की शुरू की गयी आधार कार्ड योजना को मोदी सरकार इस तरह से कार्यान्वित करने में लगी है कि अब आधार कार्ड केवल सांस लेने के लिए ही नहीं बल्कि सांस बंद होने के बाद भी आवश्यक हो गया है।
आगामी एक अक्टूबर से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड का रहना आवश्यक बना दिया गया है। केंद्र सरकार के अनुसार ऐसा पहचान से संबंधित धोखा धड़ी को रोकने के लिए किया गया है। गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत महापंजीयक कार्यालय ने अधिसूचना जारी करते हुए इसे 1 अक्टूबर से अनिवार्य बताया है।
हालांकि, इसे अभी जम्मू व कश्मीर, असम और मेघालय में लागू नहीं किया गया है. उक्त कार्यालय के अनुसार इसके लिए बाद में अलग से अधिसूचना जारी किया जाएगा.
मृत्यु प्रमाण पत्र का आवेदन करने वाले को मृत व्यक्ति का आधार संख्या न पता होने की स्थिति में उसे यह सत्यापन देना होगा कि मृत व्यक्ति का कोई आधार संख्या नहीं है और यह उसकी पूरी जानकारी में है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, आवेदक द्वारा दी गयी जानकारी गलत होने की स्थिति में यह अपराध माना जाएगा और आधार एक्ट, 2016 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत आवेदक पर कारवाई की जाएगी।
ज्ञात हो कि आधार कार्ड पहले से 123 योजनाओं के लिए लागू है जिनमें छात्रवृत्ति, पासपोर्ट, आयकर रिटर्न और गैस समेत तमाम सब्सिडी सेवाएं शामिल हैं.