
आपको ज़ी टीवी पर वह घटना याद तो होगा ही कि किस तरह से तीन तलाक़ के बहस पर खुद को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की चैंपियन कहने वाली महिला अधिवक्ता फराह फैज़ ने एक मौलवी की पिटाई कर के सुर्खियाँ बटोरी थी. मौलवी को ज़ी हिंदुस्तान के स्टूडियो से पुलिस उठा कर ले गयी थी और वह कई दिनों तक जेल में रहे थे.
इस पिटाई के बाद उस महिला की फ़ोटो वायरल हुई थी जो उनके हिन्दू महासभा और अन्य आरएसएस संगठनों के साथ संबंध को उजागर करते थे.
आज उस महिला के धर्म परिवर्तन की चर्चा दैनिक जागरण जैसे समाचार पत्र से लेकर जनसत्ता तक में हुई. हालांकि, फराह फैज़ लक्ष्मी वर्मा है यह बात पहले से ही सोशल मीडिया पर चल रही है. यह भी बात पहले से विदित हो चुकी है कि फराह फैज़ उर्फ़ लक्ष्मी वर्मा हिन्दू महासभा और आरएसएस के इशारे पर मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की चैंपियन बनी हुई थी और असल में वह आरएसएस का ही प्रतिनिधित्व करती रही थी. इससे यह भी जगज़ाहिर है कि मौलवी की पिटाई भी पूर्व नियोजित थी और इसमें ज़ी हिंदुस्तान के लोग भी संलिप्त थे. ज़ी हिंदुस्तान ज़ी टीवी का ही एक चैनल है. ज़ी टीवी हमेशा मुस्लिम हिन्दू मुद्दों को उछाल कर असल मुद्दों पर चर्चा करने से भागता रहा है.

जनसत्ता की खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की कथित लड़ाई लड़ने वाली महिला फराह फैज़ देवबंद में अपना धर्म परिवर्तन करके हिन्दू बन गयी और अपना नाम बदल कर लक्ष्मी वर्मा रख लिया है. उनहोंने खुद को क्षत्रिय घोषित भी कर दिया है. मीडिया को उनहोंने बताया कि उनके पूर्वज क्षत्रिय थे इसलिए उनहोंने क्षत्रिय धर्म को अपनाया है. देवबंद के भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें पगड़ी जो क्षत्रिय के शान की प्रतीक है पहना कर हिन्दू धर्म में उनका स्वागत किया है.
लेकिन सोशल मीडिया पर पहले ही यह साबित किया जा चुका है कि वह असल में लक्ष्मी वर्मा हैं जो फराह फैज़ बन कर टीवी पर मुस्लिम मुद्दों पर बात करती हैं ताकि यह देशवासियों को सच्चा लगा.
18 जुलाई, 2018 को किए गए एक ट्वीट से पता चलता है कि फराह फैज़ पहले से ही लक्ष्मी वर्मा थीं और टीवी पर वह मुस्लिम महिला का रूप धारण कर लेती थी. इस ट्वीट से स्पष्ट है कि लक्ष्मी वर्मा का धर्म परिवर्तन नकली है और यह फिर से सुर्खी बटोरने का एक हथकंडा है और लोगों को असल मुद्दों से भटकाने का एक षड्यंत्र है.
घर से निकलते ही Zee न्यूज में पहुँचते ही
लक्ष्मी वर्मा फरहा फैज pic.twitter.com/FdtBocTNHM— Kamaludin ansari 5.6K (@kansari786631) July 18, 2018
18 जुलाई, 2018 को ही गीत नाम की एक ट्वीटर यूजर ने भी ट्वीट में लक्ष्मी वर्मा उर्फ़ फराह फैज़ की एक फ़ोटो शेयर की थी जिसमें वह नाथू राम गोडसे की प्रतीमा के साथ खड़ी हैं. ज्ञात रहे कि हिन्दू महासभा और आरएसएस की दूसरी संगठनें नाथू राम गोडसे को अपना हीरो मानती हैं.
No Surprise
The Lady Who Slapped & the Mufti who Slapped Back, are Both from BJP-RSS,
Godse Bhakt & Modi Supporter #BJP_भगाओ_देश_बचाओ#ModiMadeDisaster pic.twitter.com/MSjWxJjcOB— Geet V (@geetv79) July 18, 2018
इस ट्वीटर यूजर ने मौलाना कासमी को भी अपने ट्वीट में आरएसएस का पपेट कहा है और इसे पूर्व नियोजित ड्रामा क़रार दिया है. ज्ञात रहे कि फराह फैज़ उर्फ़ लक्ष्मी वर्मा आरएसएस के एक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम महिला संघ की अध्यक्ष भी हैं।
ज़ी टीवी के सभी डिबेट और न्यूज़ पहले से शक के घेरे में है. लेकिन इस धर्म परिवर्तन वाले न्यूज़ को प्रकाशित करके जनसत्ता की सत्यता पर भी आंच आई है. जनसत्ता की ख़बरों पर भी आँख बंद करके भरोसा करना पाठकों के लिए अब कठिन होगा.