होली के बाद अब रामनवमी पर दिखा देश भर में कोरोना से महाभारत, संक्रमण का खतरा बढ़ा




अपने देश की एक ख़ास बात है. अपनी बारी में हम वह सब तर्क को नज़र अंदाज़ कर देते हैं जो तर्क हमें दूसरों को समझाने में या उन्हें नीचा दिखाने में काम आता है.

दिल्ली पुलिस की हठधर्मिता और पक्षपातपूर्ण रवैया के कारण तबलीगी जमात मरकज़ में कोरोना पॉजिटिव के कई केसेज़ समाने आए और कईयों के जान खतरे में हैं. इसके बावजूद, तबलीगी जमात को लेकर कोरोना जिहाद जैसे ट्रेंड सोशल मीडिया पर चलते रहे. मुस्लिम समुदाय को भी निशाना बनाया जाता रहा. ज्ञात रहे कि इस्लाम में मस्जिद में 5 समय सामूहिक नमाज़ पढ़ना एक आवश्यक प्रक्रिया है. इसके बावजूद, मुस्लिम समाज ने कोरोना विश्व महामारी को देखते हुए अपनी मस्जिदों को बंद कर रखा है और लोग अपने घरों में नमाज़ अदा कर रहे हैं. जुमा की नमाज़ भी देश के सभी मस्जिदों में स्थगित किए जा चुके हैं. पूरी दुनिया के मस्जिदों में इसी नियम का प्लान किया जा रहा है.

इसका असर लेकिन राम भक्तों पर नहीं दिखा. राम नवमी के दिन देश के कई भागों में मन्दिरों में भीड़-भाड़ दिखी. लोगों ने लॉक डाउन के सभी नियमों को ताक पर रख कर मन्दिर में पूजा अर्चना की जो घर से भी की जा सकती थी.

बंगाल में यह सबसे अधिक दिखा. द हिन्दू में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बृहस्पतिवार को राम नवमी के दिन, पश्चिम बंगाल के कई भाग में मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहा. लोगों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के लॉक डाउन के सभी नियमों को तोड़ते हुए अपनी आस्था को महामारी से ऊपर रखा और प्रशासन पंगु बनी तमाशा देखती रही.

यह दृश्य केवल पश्चिम बंगाल में ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में दिखा. देश के सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र जहाँ अब तक 490 मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं और 26 मौत हो चुकी है में भी रामनवमी के दिन मंदिरों में लोगों ने दर्शन किया.

ज्ञात रहे कि कई राज्यों ने ऐसे मामले में नेशनल सिक्यूरिटी एक्ट तक लगाने और जेल भेजने की सज़ा की भी घोषणा की है. लेकिन राम नवमी के मामले में क़ानून की धज्जियाँ उड़ती रही और प्रशासन देखती रही.

योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में जहाँ लॉक डाउन को लेकर पुलिस बर्बरता की सबसे अधिक खबरें आई हैं के अयोध्या में भी लोगों के अंदर उनके सख्त शासन का डर नहीं दिखा.

अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास ने तो लोगों का आह्वान भी किया कि वह अयोध्या आएं कोई कोरोना वायरस कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. लोगों ने भी खुल कर शासन की अवहेलना की और कोरोना को फैलने में मदद किया. उत्तर प्रदेश में अब तक 174 लोगों में इसके संक्रमण की ख़बर आई है और 2 लोगों के मौत की सरकारी पुष्टि हुई है.

अब सवाल उठता है कि क्या कोरोना जिहाद का ट्रेंड चलाने से और तबलीगी जमात या मुस्लमान को आतंकवादी कह देने से कोरोना के फैलने का खतरा कम हो जाएगा.

ज्ञात रहे कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में अब तक 20 हजार भी COVID19 के टेस्ट नहीं किए गए हैं. 10 मार्च को होली के अवसर पर भी कहीं कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. मथुरा में विदेशी सैलानियों ने भी खूब होली खेला. देखना यह है कि पहले होली और अब राम नवमी में सोशल गैदरिंग से कोरोना क्या गुल खिलाता है.

खबर यह भी आ रही है कि 21 दिनों का लॉक डाउन जो 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला था बढ़ भी सकता है. अब तक कोरोना से देश में 3108 संक्रमित हो चुके हैं और 86 के मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है.

मीडिया सूत्रों के अनुसार, भारत विश्व में सबसे कम COVID19 टेस्ट करने वाले देशों में एक है. अमेरिका में अब तक 20 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं जिसके बाद वहां कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं.

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