लालू परिवार के बाद अब योगेन्द्र यादव का परिवार निशाने पर




9 दिवसीय स्वराज यात्रा के दौरान प्रेस वार्ता करते हुए योगेन्द्र यादव (स्रोत: ट्विटर)

नई दिल्ली, 11 जुलाई, 2018 (टीएमसी हिंदी डेस्क) लालू परिवार के बाद अब स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक योगेन्द्र यादव के परिवार को केंद्र सरकार आयकर के नाम पर निशाना बना रही है. यह जानकारी योगेन्द्र यादव ने ट्वीट पर आज दी.



योगेन्द्र यादव ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि “बौखलाई मोदी सरकार अब मेरे परिवार के पीछे पड़ी। परसों मेरी रेवाड़ी की पदयात्रा पूरी हुई, MSP और ठेका बंदी का आंदोलन शुरू हुआ। आज सुबह रेवाड़ी में मेरी बहन, जीजा और भांजे के हस्पताल और नर्सिंग होम पर IT रेड। मोदी जी, मेरी जांच करो, मेरे घर रेड करो, परिवार को क्यों तंग करते हो?”

“मेरी सूचना के अनुसार: आज सुबह 11 बजे दिल्ली से इनकम टैक्स और गुडगाँव पुलिस के 100 लोगो ने रेवाड़ी और कलावती और कमला नर्सिंग होम पर छापा मारा। डॉक्टरों को केबिन में बंद किया है, हस्पताल (जिसमे नवजात बच्चों का ICU भी है) सील कर दिया है, धमकाने की कोशिश जारी है।” योगेन्द्र यादव ने दुसरे ट्वीट में यह कहा.

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने अपने ट्वीट में कहा कि जब मोदी सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य का जाली प्रोपगंडा काम नहीं कर रहा तो हरयाणा में 9 दिनों की स्वराज यात्रा के बाद मोदी सरकार योगेन्द्र यादव को निशाना बना रही है. उनहोंने कहा कि उनकी बहन का परिवार जो रेवारी में अस्पताल चलाता है को डराने के लिए 100 से अधिक अधिकारी दिल्ली और हरयाणा से भेजे गए हैं.

ज्ञात रहे कि योगेन्द्र यादव ने अभी 9 दिवसीय स्वराज पद यात्रा का समापन किया है और दो दिन बाद किसान संगठनों की राष्ट्रीय बैठक होने वाली है. स्वराज इंडिया के प्रेस विज्ञप्ति में योगेन्द्र यादव ने कहा कि उन्हें किसानों की आवाज़ उठाने की कीमत अदा करनी पड़ी है. और वह मोदी सरकार से डर कर चुप नहीं बैठेंगे और किसानों और नौजवानों की आवाज़ बुलंद करते रहेंगे.

योगेन्द्र यादव के परिवार पर आयकर की छापेमारी के खिलाफ कई लोगों ने योगेन्द्र यादव का खुलकर समर्थन किया है. एनडीटीवी के प्रणय रॉय ने इसे घिनौना कहा है.

मयंक गाँधी ने इसे बदले की कारवाई कही है और लोगों से इसका पूरजोर मुखालफ़त करने की अपील की है.

प्रख्यात इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इसे बेशर्मी के साथ सत्ता का दुरूपयोग कहा है और लोगों को इसकी मुखालफ़त करने को कहा है. “ऐसा लगता है कि भारत के सबसे निर्भीक विद्वानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक के परिवार के खिलाफ सत्ता का बेशर्मी से दुरुपयोग किया गया है। पार्टी लाइन से उठकर लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को इसकी निंदा करनी चाहिए:”

द मॉर्निंग क्रॉनिकल से जुड़े और वरिष्ठ फ़िल्म निर्माता नवेद अख्तर ने भी इसकी भर्त्सना की है. “बीजेपी जानती है कि योगेंद्र यादव और उनकी पत्नी की बिल्कुल साफ़ सुथरी छवि हैं। इसलिए वे उनके परिवार के सदस्यों को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह किसानों के मुद्दे पर उनके प्रभावी अभियान की स्वीकृति है और बीजेपी सोचती है कि वह एक बड़ा खतरा हैं.”

ज्ञात रहे कि पिछले कुछ महीनों से लालू परिवार के खिलाफ भी लगातार कई आयकर के छापे मारे गए और कुछ ऐसे मामले प्रकाश में आए जो बहुत ही विचित्र रहे जिसमें बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री तेजस्वी के खिलाफ़ ऐसा मामला जो उनके बालिग़ होने से पहले का था. लालू प्रसाद की बेटी डॉ मीसा भारती और दामाद के ठिकानों पर भी कई छापे मारे गए. इन छापों को नियमित छापामारी भी कहा जा सकता है लेकिन इसके लिए समय का चुनाव राजनीति बदले की ओर इंगित करता है.

भारत में बहुजन राजनीति ज़ोर पकड़ रही है ऐसे में पहले लालू यादव और फिर सत्ता सुख से अनछुआ योगेन्द्र यादव के परिवार पर इस तरह की छापेमारी मोदी के खिलाफ बहुजन समाज की लहर को तेज़ कर सकती है.

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