मुज़फ्फ़रपुर शेल्टर होम में काण्ड के बाद अब पटना के आसरा गृह का काण्ड उजागर, संचालिका मनीषा दयाल के कई नेताओं से रिश्ते उजागर




आसरा गृह की संचालिका मनीषा दयाल और सचिव चिरंतन कुमार

मुज़फ्फ़रपुर के शेल्टर होम में जो भयावह काण्ड हुआ उसमें रहस्य की परतें अभी खुली भी नहीं कि राज्य प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती के सामने बिहार की राजधानी के आसरा गृह का मामला सामने आ गया है. दोनों को चला रहे लोगों में एक बात समान यह है कि दोनों के बिहार के बड़े नेताओं के साथ रिश्ते थे. ब्रजेश ठाकुर का जहाँ नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी के साथ चित्र पहले ही वायरल हो चुके हैं तो वहीँ आसरा गृह की संचालिका मनीषा दयाल की तस्वीरें जद-यू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक के साथ वायरल हो चुका है. मनीषा दयाल की तस्वीर केवल सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ ही वायरल नहीं हुआ बल्कि विपक्षी दल राजद के नेता पूर्व मंत्री शिवचन्द्र राम और आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के साथ की भी इनकी तस्वीरें आ रही हैं.

मनीषा दयाल जद-यू नेता श्याम रजक के साथ

क्या है आसरा गृह का मामला?

बिहार की राजधानी पटना के राजीवनगर थाना के नेपाली नगर में आसरा गृह स्थित है. इस शेल्टर होम में रह रही दो महिलाओं की मौत पीएमसीएच में होने के बाद यह मामला प्रकाश में आया है. इन दो में एक लड़की है जिसकी आयु 18 वर्ष बताई जा रही है. मीडिया के अनुसार पीएमसीएच के अधीक्षक ने यह बयान दिया है कि दोनों ही महिलाओं को पीएमसीएच में मृत अवस्था में लाया गया था. अजीब बात है कि इनमें एक का दाह संस्कार भी आनन फानन कर दिया गया जिससे शक की सुई और गहरा गयी. सूत्रों के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि उससे बलात्कार या प्रताड़ना के मामले की पुष्टि होने के सबूत मिल सकते थे इसलिए उसका अंतिम संस्कार जल्दी में गुप्त तरीके से कर दिया गया. इस बयान के बाद आसरा गृह के सचिव चिरंतन कुमार और संचालिका मनीषा दयाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. चार अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है जिन्हें पुलिस छापेमारी कर गिरफ्तार करने में जुटी है.

मौत से जुड़े क्या हैं सवाल?

इन दो मौतों से जुड़े कई गंभीर सवाल हैं. दोनों को क्या सच में मृत अवस्था में ही पीएमसीएच में लाया गया था? अगर लाया गया था तो मृत अवस्था में लाने की क्या आवश्यकता थी? क्या पीएमसीएच का कोई अधिकारी भी इसमें संलिप्त है? इनका पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कहती है? पोस्टमार्टम के बाद एक शव का दाह संस्कार क्यों कर दिया गया? एक का दाह संस्कार क्यों नहीं किया गया? इसके पीछे कौन कौन लोग हैं? इस आसरा गृह की जांच अगर 10 अगस्त को ही शुरू हो गयी थी तो उन दो लोगों की बीमारी का पता कैसे नहीं चला?

कौन है मनीषा दयाल?

मनीषा दयाल पटना की चर्चित समाज सेविका हैं. वह आसरा गृह की संचालिका तो हैं ही और भी कई संस्थाओं से यह जुडी हैं. यह अनुमाया हयूमेन रिसोर्सेज फाउंडेशन की निदेशक हैं जिसके बैनर तले यह आसरा होम चल रहा था. साथ ही, आत्मा फाउंडेशन, भामा शाह फाउंडेशन ट्रस्ट, स्पर्श डी एडीक्शन एंड रिसर्च सोसायटी तथा नव असत्तिव फाउंडेशन से भी जुडी हैं या रही हैं.

मनीषा दयाल

मनीषा दयाल ने अपने संस्था के सचिव चिरंतन कुमार के साथ मिलकर कई इवेंट्स भी करवाए हैं. बिहार में इस जोड़ी ने सीसीएल (क्रिकेट कॉर्पोरेट लीग) 02 का आयोजन इसी वर्ष मोइनुल हक स्टेडियम में किया था. इसमें बिहार के कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया था और इसकी प्रशंसा भी की थी. इसका आयोजन अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन (एचआरएफ) की ओर से किया गया था. इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा भी मौजुद थे. इसमें से नो टू ड्रग्स और से नो टू डावरी जैसे नारे भी दिए गए थे.

मनीषा दयाल मूलतः गया की रहने वाली हैं और इंटरमीडिएट करने के बाद पटना में आकर अपने मेडिकल परीक्षा की तैयारी को ले कर रहने लगी. मेडिकल में प्रवेश न मिलने के बाद इन्होंने बी कॉम किया और बाद में मैनेजमेंट में स्नातक भी किया.

बहु-प्रतिभा वाली यह महिला कभी बिहार की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत रही. बड़े बड़े आयोजनों के पीछे का गंदा खेल उजागर होने के बाद आज वह जेल में हैं.

जद-यू नेता श्याम रजक ने अपनी सफाई में कहा है कि राजनितिक जीवन में लोगों का मिलना आम बात है. जब वह किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो अक्सर तस्वीरें भी ली जाती हैं. मनीषा दयाल की भी तस्वीर ऐसे ही कहीं ली गयी होगी.

तेजस्वी यादव का राजनीतिक प्रहार

तेजस्वी यादव मुजफ्फरपुर काण्ड के बाद से ही नीतीश सरकार को पूरी तरह से घेर चुके हैं. यहाँ तक कि इस मुद्दे को लेकर वह विपक्ष के दुसरे बड़े नेताओं के साथ जन्तर मंतर पर भी विरोध धरना कर चुके हैं. मुजफ्फरपुर काण्ड से जुडी समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का इस्तीफा इनके विरोध प्रदर्शन का ही नतीजा माना गया है.

इस काण्ड को लेकर भी तेजस्वी अपने आक्रामक रूप में दिख रहे हैं. उनहोंने इस काण्ड से संबंधित कई ट्वीट भी किया है और नीतीश कुमार को नैतिकता का ज्ञान दे चुके हैं. उनका यह दो ट्वीट देखें:

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