
पटना (बिहार): देर से ही सही तेजस्वी यादव ने सवर्ण आरक्षण को लेकर सही सवाल पुछा. तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पटना में आयोजित कर्पूरी ठाकुर जयंती पर आयोजित पार्टी की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नई आरक्षण व्यवस्था में आठ लाख सालाना तक की सीमा रखी गयी है. तेजस्वी ने पूछा कि जो व्यक्ति महीने में 66,666 रुपये कमाता है वो ग़रीब कैसे है. जो व्यक्ति आयकर के रूप में 72,500 रुपये देता है उसे सरकार ग़रीब कैसे मानती है. इस बैठक में अपने सम्बोधन में तेजस्वी ने कहा कि सवर्णों के आरक्षण के वो विरोधी नहीं हैं लेकिन जो मोदी सरकार ने व्यवस्था की है वो अमीर सवर्ण के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गयी है.
तेजस्वी यादव ने इसे ट्वीट भी किया. “बताइये, 8 लाख सालाना यानी 66,666 रू महीने में कमाने वाला ग़रीब कैसे हुआ? अजीब गणित है भाई? 8 लाख सालाना कमाने पर आपको 20% टैक्स यानि 72,500 रू सालाना टैक्स देना पड़ रहा है। जो व्यक्ति 72500₹ टैक्स देता है सरकार उसे ग़रीबी का आरक्षण दे रही है। वाह रे विद्वानों! वाह मोदी जी वाह!” उन्होंने ट्वीट में वही दोहराया जो सभा में कहा था.
बताइये, 8 लाख सालाना यानी 66,666 रू महीने में कमाने वाला ग़रीब कैसे हुआ? अजीब गणित है भाई? 8 लाख सालाना कमाने पर आपको 20% टैक्स यानि 72,500 रू सालाना टैक्स देना पड़ रहा है। जो व्यक्ति 72500₹ टैक्स देता है सरकार उसे ग़रीबी का आरक्षण दे रही है। वाह रे विद्वानों! वाह मोदी जी वाह!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 24, 2019
तेजस्वी ने कहा “हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीक़े का विरोध कर रहे है। बिना किसी पद्धति, जाँच, आयोग, सर्वे और सर्वेक्षण के इन्होंने मात्र चंद घंटों में संविधान से छेड़छाड़ कर संशोधन कर दिया। जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाज़ी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा।”
उनहोंने कहा “देश के बहुजन वर्षों से 50% फ़ीसदी आरक्षण की सीलिंग बढ़ाने की माँग कर रहे थे लेकिन अन्यायी जातिवादियों ने नहीं बढ़ाया और ना ही बढ़ने दिया लेकिन सवर्ण आरक्षण बिन माँगे चंद घंटों में दे दिया। नागपुरिए जातिवादियों को आपके वोट से डर नहीं लगता। समझिये, ये आरक्षण समाप्ति की शुरुआत है।”
उनहोंने आगे कहा “वो दूसरों की हक़मारी भी करेंगे और वर्ण व्यवस्था में ख़ुद को दूसरों से श्रेष्ठ भी समझेंगे। दूसरों का सामाजिक तिरस्कार भी करेंगे। उनकी जात का मज़ाक़ बनाएँगे। शोषण करेंगे लेकिन समानता का अधिकार नहीं देंगे।उनकी जाति की भी गणना नहीं करेंगे और ना ही होने देंगे। वो असमानता के पक्षधर है”
राजद नेता ने कहा “आरक्षण विरोधी पहले मेरिट-मेरिट चिल्लाते थे आरक्षण को भीख कहते थे।अब बहुत ख़ुश है। ये दोहरापंथी नहीं चलेगी।या तो आप ये मानिए कि आप जातिवादी है और योग्य व प्रतिभाशाली दलित-पिछड़ो की हक़मारी मे लगे है या फिर ये मानिए की आप सामाजिक श्रेष्ठता के आधार पर आरक्षण के सबसे बड़े अधिकारी है।”
उनहोंने कहा “वो पद का दुरूपयोग कर आपकी जाति भी नहीं गिनने देंगे और अपनी जाति भी नहीं गिनेंगे क्योंकि इससे उनकी पोल खुल जाएगी कि कैसे मुट्ठी भर लोगो ने देश के सभी क्षेत्रों और संसाधनों पर जातीय बाहुबल और ठगी के दम पर क़ब्ज़ा जमा रखा है। हमने लड़ाई ठान ली है अब चाहे जेल जाए या गोली लगे।लड़ेंगे”
बिहार में विपक्ष के नेता ने कहा कि बेरोज़गारी हटाओ आरक्षण बढ़ाओ. उनहोंने कहा कि अब आर पार की लड़ाई होगी. अब आरक्षण बढ़ा कर 90 प्रतिशत करना होगा.
“बेरोज़गारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ”
अब आर-पार लड़ाई होगी। निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करना होगा। आरक्षण बढ़ाकर 90% करना होगा, करना होगा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 24, 2019
गौरतलब है कि परसों नीतीश कुमार ने कहा था कि आरक्षण विभिन्न जातियों की आबादी के अनुपात से तय होना चाहिए. ऐसा लग रहा है कि आरक्षण के मुद्दे को कहीं नीतीश भुना न लें इसे देखते हुए आज तेजस्वी ने भी अपने सुर थोड़े तेज़ कर दिए हैं. इससे पहले उनके तेवर इतना तेज़ नहीं थे.