
New Delhi : काफी समय से चल रहे नियोजित मामले में बिहार के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जस्टिस एएम सप्रे और यूयू ललित की पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस की थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक सहायता नहीं दी जा सकती क्योंकि ऐसा करने से अन्य राज्यों से भी यही मांग उठेगी।
शिक्षक बिहार सरकार से समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों का आरोप है कि उन्हें परेशान करने की नियत से ही कोर्ट में इस मामले को सरकार लंबा खींच रही है लेकिन सरकार की दलील है कि वो शिक्षकों की मांग को पूरी नहीं कर सकती। बिहार के इस बहुप्रतिक्षित और बहुचर्चित केस की सुनवाई लगातार 24 दिन हो चुकी है।