
अभी एक सप्ताह से भी कम हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया और CAA का मतलब समझाया. आज भी उनहोंने कांग्रेस की खिंचाई करते हुए कहा कि कांग्रेस को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्यचार पर पाकिस्तान का विरोध करना चाहिए.
मुझे लगता है कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने बस कांग्रेस और विपक्ष को ही समझाने का ठेका ले लिया है. अपने लोगों को मन मुताबिक काम करने के लिए खुला छोड़ रखा है.
आज असम के मुख्य मंत्री जो जानकारी के लिए बता दें कि उनका संबंध सीधे भारतीय जनता पार्टी से है ने कहा कि वह असम के धरती पुत्र हैं और वह किसी भी विदेशी को अपनी धरती पर रहने नहीं देंगे. उनहोंने अपने फेसबुक वीडियो को ट्विटर पर टैग करते हुए अंग्रेजी में लिखा है कि असम का पुत्र होने के नाते वह अपने राज्य में किसी विदेशी को बसने नहीं देंगे. यह सरबंदा सोनोवाल इसकी कभी इजाज़त नहीं देगा.
As a son of Assam, I will never settle foreigners in my state. This Sarbananda Sonowal will never allow this…
https://t.co/vjoexMdicj— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) January 2, 2020
फेसबुक पर शेयर किए गए वीडियो में उनहोंने कहा कि इस CAA के कारण कोई बाहरी व्यक्ति असम में नहीं आ सकता न ही मैं उन्हें आने दूंगा. किसी भी परिस्थिति में इस क़ानून के कारण हम असम के भूगोल को प्रभावित नहीं होने दे सकते.
अब प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह पाकिस्तान का विरोध करने की सलाह देना छोड़ कर अपने ही पार्टी के मुख्यमंत्री को पहले समझ लें कि वह कम से कम इतना ज़्यादा छियालेदर अपनी पार्टी का न कर पाएं.
ऐसे छियालेदर तो कांग्रेस ने इस पर करना शुरू कर ही दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस पर ट्वीट किया और लिखा “लीजिए, मोदी-शाह जी का सीएम भी कथित तौर पर देशद्रोही बनकर संसद व CAA का विरोध कर रहा है ! बर्खास्त क्यों नहीं कर दिया, जनाब? विपक्ष पर हमला बोलने से पहले अपने गिरेबाँ में तो झंकिए! हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और?”
लीजिए, मोदी -शाह जी का सीएम भी कथित तौर पर देशद्रोही बनकर संसद व CAA का विरोध कर रहा है ! बर्खास्त क्यों नहीं कर दिया, जनाब?
विपक्ष पर हमला बोलने से पहले अपने गिरेबाँ में तो झंकिए!
हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और ? pic.twitter.com/1Ctxw5PiT1
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 2, 2020
ज्ञात रहे कि असम में NRC होने के बाद लगभग 19 लाख लोगों को इस नागरिकता रजिस्टर से वंचित किया गया है जिसमें 16 लाख हिन्दू बंगाली और गोरखा हैं. अगर इन्हें सच माने में घुसपैठिया मान लिया जाए तो यह CAA के अनतर्गत सर के दर्द असम मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री और गृह मन्त्री दोनों के लिए हैं. असम के हिन्दू कभी नहीं चाहेंगे कि यह 16 लाख लोगों को CAA के अंतर्गत शहरी बना कर असम में बसाया जाए और इसी का विरोध हो रहा है. और इसी परिप्रेक्ष्य में असम की जनता को शांत करने के लिए सोनोवाल को मजबूरी में यह ब्यान देना पड़ा जो अब भाजपा आला कमान मोदी-शाह जोड़ी पर भारी पड़ने वाली है.
ऐसे मजबूरी का नाम नरेंद्र मोदी तो आज बन ही गया है.