
देश में भाजपा मुसलमानों से दूरी बनाकर चलने वाली अब उन्हें ही गले लगा कर चलना चाह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मस्जिद जा रहे हैं, तो RSS भी मुस्लिम मुहब्बत के राग छेड़ रही है।
दिल्ली में RSS द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में भागवत ने स्पष्ट किया कि अगर इस देश में अगर मुसलमान नहीं रहेंगे, तो ये हिंदुत्व नहीं होगा।
संघ और बीजेपी के मुस्लिम प्रेम को 2019 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी के साथ हिंदू वोट का बड़ा तबका जुड़ा हुआ है। ऐसे में अब उन्हें मुसलमानों के एक खास तबके की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की कवायद शुरू की है।
2014 के लोकसभा चुनावों में 10 फीसदी मुस्लिमों ने बीजेपी को वोट दिया था। 2017 के यूपी चुनाव में ये आंकड़ा करीब 12 फीसदी पहुंच गया है। ऐसे में 2019 में मुस्लिम मतों के बड़े तबके को जोड़ने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन तलाक पर जहां मुस्लिम महिलाओं को मुहर्रम के मौके पर मुस्लिम बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में पहुंचकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। इसके बाद अब संघ प्रमुख मोहन भागवत मुस्लिम के बिना हिंदुत्व अधूरा मान रहे हैं।