भाजपा नेता बिहारी बाबू ने बताया प्रधान मंत्री मोदी के साक्षात्कार को प्रायोजित




शत्रुघ्न सिन्हा कन्नड़ स्टार अम्बरीश के परिवार के साथ

बिहारी बाबू से मशहूर भाजपा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधान मंत्री के 1 जनवरी को एक न्यूज़ एजेंसी को दिए साक्षात्कार को प्रायोजित बताया है. उनहोंने पूछा कि क्या वह रवीश कुमार और विनोद दुआ जैसे पत्रकारों का सामना करने में खुद को असहज महसूस करते हैं?

प्रधान मंत्री ने 2019 की शुरुआत न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए अपने साक्षात्कार से किया था. इस साक्षात्कार में जिस तरह के प्रश्न पूछे गए और जिस सहजता से प्रधान मंत्री ने जवाब दिया उस आधार पर कांग्रेस ने इसे पहले ही प्रायोजित बताया था.

लेकिन अब इसे प्रायोजित बताने वालों में उनकी खुद की पार्टी के पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हो गए हैं.

सांसद ने पांच ट्वीट करके साक्षात्कार पर प्रश्न तो उठाया ही बल्कि प्रधानमंत्री को चेतावनी दी और सलाह भी दे दी.

उनहोंने कहा कि “सर, सोमवार शाम को हम सभी ने आपका अच्छी पटकथा वाला, बेहतरीन शैली वाला और पूरी तरह से अभ्यास किया गया, अच्छी तरह से शोध किया हुआ टीवी साक्षात्कार देखा. शानदार महिला एंकर स्मिता प्रकाश का सम्मान करते हुए, क्या यह सही समय नहीं है कि आप अपनी छवि एक सक्षम नेता की तरह पेश करें और बिना तैयारी प्रश्नों का जवाब दें?”

आगे उन्होंने कहा कि “हम जानते हैं कि आप उनका सामना नहीं करना चाहते हैं, लेकिन कम से कम हिम्मत करें और यशवंत सिन्हा जैसे राजनेता और सरीखे पत्रकार #ArunShourie के सवालों का जवाब दें। हालाँकि आप अपने साक्षात्कार में बहुत ही शांत दिखे, लेकिन यह आपके पिछले प्रदर्शनों के अनुरूप या वैसा नहीं था।”

“पूर्व में सभी माननीय पीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके हैं, लेकिन सर, आपने अपने 4.5 साल के कार्यकाल में एक भी नहीं किया है। क्यों सर? आइए बिना ‘सरकारी’ मानसिकता वाले और राग दरबारी खानदान वाले पत्रकारों को छोड़ कर सच्चे पत्रकारों को अपना साक्षात्कार दें।” अपने तीसरे चौथे ट्वीट में सिन्हा ने कहा.

सिन्हा ने अपने ट्वीट में पुछा कि “क्या आप टीवी एंकर, पत्रकार रवीश कुमार और द वायर के कंसल्टिंग एडिटर, विनोद दुआ जैसे पत्रकारों का सामना करने में असहज हैं? क्यों अलग अलग लोग ‘सब का साथ सबका विकास’, ‘राम जन्मभूमि’ जैसे मुद्दों के बावजूद हमें छोड़ रहे हैं?”

आखरी ट्वीट में उनहोंने सलाह दी और कहा कि “आइए नए साल में अपनी छवि सुधारें, साहसी बनें, ईमानदार और पारदर्शी बनें। मैं बहुत ही विनम्रतापूर्वक एक दोस्त, सहकर्मी और भाई की तरह सुझाव देता हूं कि मेरे सारगर्भित विचार पर गौर करें। इसे स्वीकार करें, अपने और राष्ट्र के लिए अच्छा है, लेकिन अगर आप इसे अस्वीकार करते हैं तो भगवान ही हमें बचा सकते हैं। चुनाव आने वाले हैं, सर। लोकतंत्र जिंदाबाद! जय हिन्द!”

Liked it? Take a second to support द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी टीम on Patreon!