
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 22 साल पहले हुए एक सामूहिक हत्याकांड में अब अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अशोक सिंह चंदेल को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है. इस मामले में भाजपा विधायक समेत 11 लोगों को भी उम्रकैद की सज़ा सुनाई गयी है. कभी यूपी की सियासत को हिला कर रख देने वाली इस हत्याकांड में अब दोषी पाए जाने वाले और सज़ा मिलने के बाद भाजपा विधायक फरार हो गए हैं.
क्या है मामला?
मामला यह है कि 26 जनवरी 1997 की देर शाम हमीरपुर के भीडभाड वाले बाज़ार में पांच लोगों की हत्या कर दी गयी थी. जिन लोगों की सरेआम हत्या की गयी थी उनमें भाजपा के नेता राजीव शुक्ला, राजेश शुक्ला, भतीजा अंबुज शुक्ला के अलावा निजी गनर वेद नायक और हरीकांत पाण्डेय शामिल थे. उस दिन बाज़ार में हुए इस खून खराबे में तीन अन्य लोग ज़ख़्मी भी हुए थे. इस हत्याकांड में मारे गए अंबुज शुक्ला की उम्र महज 9 साल थी. कहा जाता है कि यह गोलीबारी और हत्याकांड दो नेताओं के राजनीतिक रंजिश का परिणाम था.
जजों पर रिश्वत का आरोप भी लगा
इस जघन्य हत्याकांड को 22 साल गुजर गए और इस दौरान इसमें अब तक कई मोड आए. निचली अदालत ने इस मामले में भाजपा विधायक अशोक सिंह चन्देल तथा अन्य 10 लोगों को बरी कर दिया था. इनके बरी होने के बाद दो जज आरबी लाल और अश्वनी कुमार पर रिश्वत के आरोप भी लगे, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया था.
राज्य सरकार ने HC से की अपील
इसके बाद तत्कालीन यूपी सरकार ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. लंबी कानूनी प्रक्रिया और सुनवाई के बाद इसी साल 22 फरवरी, 2019 को अदालत ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद अब अदालत ने सभी 11 आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. अशोक सिंह चंदेल इस मामले के मुख्य आरोपी थे. इस मामले में आरोपी अजय सक्सेना दोनों पक्षों के बीच मुकदमे में मुख्य गवाह थे.
कौन हैं अशोक सिंह चंदेल?
अशोक सिंह चंदेल का जन्म हमीरपुर के कुरैरा गाँव में हुआ था. साल 1989 में चंदेल निर्दलीय विधायक चुने गए. इसके बाद साल 1993 में भी वो विधायक बने. वर्ष 1999 में अशोक सिंह चंदेल बहुजन समाज पार्टी से सांसद चुने गए. साल 2017 में चंदेल भाजपा के टिकट से विधायक चुने गए.