
बुलंदशहर में गोहत्या की खबर पर फैली हिंसा में पुलिस ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारने के आरोपी जीतू फौजी को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख्स बवाल के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारता हुई नजर आया था. पुलिस के पास जब यह वीडियो पहुंचा को उसने इस शख्स की पहचान जीतू फौजी के रूप में की.
सेना सूत्रों ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया, जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को सोपोर में 22 राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा हिरासत में लिया गया उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) उसे हिरासत में लेने के लिए देर शाम यहां पहुंच सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि बुलंदशहर में सोमवार को हुई मॉब लिंचिंग के मामले में दो और पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया है. खेत में कुछ हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बिगड़ी स्थिति को संभालने में नाकाम रहने की वजह से दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है.
पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन मुख्य साजिशकर्ता योगेश राज गिरफ्त से बाहर है.
वही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर की इस घटना को दुर्घटना बताया है. उन्होंने पहले कहा था कि यह घटना एक बहुत बड़ी साजिश थी, लेकिन शुक्रवार को दिल्ली में कहा कि यह घटना वास्तव में एक दुर्घटना थी. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में कोई मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई है. बुलंदशहर में जो हुआ, वो एक दुर्घटना थी.”
आपको बता दें कि बीते सोमवार को बुलंदशहर के स्याना इलाके में एक खेत में गोकशी की सूचना पर हिंदू संगठनों के लोग भड़क गए थे. गुस्साई भीड़ गांव की पुलिस चौकी पर पहुंची और इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग की. इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास किया. वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बावजूद लोग शांत नहीं हुए और देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया. भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी और पुलिस चौकी के ऊपर पथराव शुरू कर दिया. बवाल के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक अन्य युवक सुमित, जो प्रदर्शनकारियों में शामिल था, की गोली लगने से मौत हो गई.