संस्मरण

संस्मरण: शिशु मंदिर में मुझे कैसे करायी गयी ‘दुश्मlन’ की पहचान?

आरएसएस और मेरा रिश्ता बहुत पुराना है. दूसरी कक्षा में थी जब मेरा एडमिशन सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालय, छतरपुर में हुआ. उस वक़्त शहर में दो ही बड़े स्कूल हुआ करते थे- एक था क्रिश्चियन […]

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संस्मरण: एक था खेमराज

-अमित खेमराज को कॉलेज के समय आर एस एस ने अपने साथ जोड़ लिया जहाँ कुछ ही समय में ज़िले में वह प्रमुख भूमिका में आ गए। लेकिन ब्राहमणवादी जातिगत राजनीति उसे रास न आई […]