विवेक तिवारी हत्याकांड: FIR में दोषी कांस्टेबलों के नाम पते गायब




लखनऊ : लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में ‘एप्पल’ कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी रहे विवेक तिवारी (38) को एक सिपाही ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चैधरी और उसके साथ संदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को बर्खास्त भी कर दिया गया।

वारदात में मारे गए तिवारी की पत्नी कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिए एक करोड़ रुपए मुआवजे की भी मांग की है।

उसके बाद विवेक हत्याकांड में उस समय नया मोड़ आया जब मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी की कॉपी सामने आई। इस मामले में दोषी पुलिस कांस्टेबलों के नाम और पते गायब थे और यह केस अज्ञात व्यक्तियों के नाम पर दर्ज किया गया है।

प्राथमिकी की कॉपी सामने आने से पुलिस की लापरवाही जाहिर हो रही है। जिसमें आरोपी दोनों पुलिसवालों के नाम और पते नहीं है। एफआईआर अज्ञात पुलिसवालों के नाम दर्ज की गई है, जबकि आरोपी कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी और संदीप इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं और मीडिया में उनका बयान भी चल रहे हैं।

वही दूसरी तरफ लखनऊ में पुलिस द्वारा विवेक तिवारी की हत्या के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि एक बेगुनाह हिन्दू को दिनदहाड़े गोली मार दी. उनके हत्यारे से थाने में बिठा कर प्रेस कांफ्रेंस करवाते हो. आपका मंत्री उनको अपराधी घोषित करता है. उनके लिए जब हम न्याय मांगते हैं तो बीजेपी वाले कहते हैं हमारी ओछी सोच है?

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