सामाजिक कार्यकर्त्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर वाराणसी में रोक, वाराणसी छोड़ने का सीएमओ का फ़रमान




तीस्ता सीतलवाड़

प्रसिद्द नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता तीस्ता सीतलवाड़ को सोमवार की सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा तब गिरफ्तार कर लिया गया जब वह वाराणसी समाजवादी जन परिषद के युवा संवाद शिविर के समापन समारोह में शामिल होने के लिए वाराणसी एअरपोर्ट पर पहुंची। तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगा पीडितों की तरफ से कई सालों से लड़ाई लड़ रही हैं और आरएसएस के खिलाफ लड़ने के साथ तीन तलाक और महिलाओं पर उत्पीडन के खिलाफ क़ानूनी व सामाजिक लड़ाई लड़ती रही हैं। मोदी सरकार के आने के बाद उनपर कई तरह के आरोप और प्रतिबंध भी लगे हैं यद्यपि अब तक उन पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हो पाया।

सीतलवाड़ को सोमवार की सुबह 9 बजे तब रोका गया जब वह वाराणसी में समाजवादी जन परिषद के युवा संवाद शिविर के समापन समारोह में शामिल होने के लिए वाराणसी हवाई अड्डे पहुंची। तीस्ता सीतलवाड़ के अनुसार उनका यह कार्यक्रम पहले से तय था।
तीस्ता ने पुलिस द्वारा उन्हें रोकने से लेकर अब तक का रिपोर्ट फेसबुक पर अपडेट किया है जो यह है:

10;34 सुबह: वाराणसी पुलिस ने मुझे यहाँ एअरपोर्ट पर रोका। जाने से मना कर रहे थे लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप से बाहर आई हूँ। बीएचयू के छात्राओं को पूरे देश से मिल रहे समर्थन को लेकर सरकार डर गयी है।


10:36 सुबह: पुलिस की सात जीप और कार के साथ यह देखा जा रहा है कि ट्रेन या हवाई मार्ग से कौन बनारस आ रहा है। क्या यही लोकतंत्र है?


10:36 सुबह: बीएचयू नहीं जाना है, पुलिस कह रही है, क्या आम नागरिकों को स्वतंत्र रूप से घुमने से पुलिस रोक सकती है?


10:38 सुबह: दो महीने पहले, यह प्रोग्राम तय था लेकिन बनारस पुलिस के लिए लोकतात्रिक अधिकारों का हनन आज प्राथमिकता बन गयी है।




10:42 सुबह: आज या कल अगर सामजिक कार्यकर्ता बनारस आ रहे हैं तो समझ लें कि क्या होने वाला है। पुलिस घेराव। आदेश कहा से आ रहे हैं?



11:05 सुबह: जांच, जांच, जांच. कौन वाराणसी में कहाँ जा रहा है? हम अपनी ही बेटियों से इतना क्यों डर गए हैं?

तीस्ता ने 1:16 बजे दोपहर अपनी यह वीडियो फेसबुक के माध्यम से शेयर की। वह अभी तक पुलिस घेरे में हैं।

1:18 दोपहर: मुझे अब 9:30 से रोकने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। मैं यहाँ युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आई हूँ लेकिन मुझसे बार बार यही पुछा जा रहा है कि क्या मैं बीएचयू जा रही हूँ।

2:53 दोपहर: पुलिस और एसडीएम बदल रहे हैं। रोकने या गिरफ़्तारी का कोई सरकारी कागज़ नहीं है इनके पास। अब यह मुझे गेस्ट हाउस के अंदर रहने को मजबूर कर रहे हैं। कोई औपचारिक आरोप नहीं।

3:13 दोपहर: कोई औपचारिक गिरफ़्तारी नहीं। आज़ादी पर रोक। बनारस पुलिस और स्थानीय एसडीएम ने घेर कर रखा हुआ है। एह्त्यात के तौर पर रोका गया है या फिर गिरफ़्तारी है। कुछ पता नहीं। आखिर कब तक आज़ादी पर बंदिश रहेगी?

5:15 शाम: अभी 5:15 हो रहे हैं, 1 इंच भी पुलिस हमें हिलने नहीं दे रही है, अभी तक यहाँ हूँ कोई कुछ नहीं बता रहा है, रोके हुए 7 घंटे 45 मिनट हो गए. दयनीय.

7:45 बजे शाम में इंस्टिट्यूट ऑफ़ गांधियन स्टडीज, वाराणसी की कार्यकारी रजिस्ट्रार और तीस्ता सीतलवाड़ की सामजिक कार्यकर्त्ता साथी डॉ मुनीज़ा खान ने द मॉर्निंग क्रॉनिकल को फ़ोन पर बताया कि तीस्ता को बनारस से वापस जाने के लिए कहा जा रहा है और उन्हें रात में भी यहाँ ठहरने की इजाज़त नहीं दी गयी। तीस्ता अपने अगले कार्यक्रम के लिए अभी थोड़ी देर में जौनपुर के लिए रवाना हो जाएंगी। उनहोंने कहा कि उनका बनारस का यह कार्यक्रम पहले से तय था लेकिन सरकार पता नहीं इतना क्यों अपनी ही बेटियों से डरी हुई है कि एक प्रसिद्द सामाजिक कार्यकर्ता को अपने पहले से तय कार्यक्रम में भी शामिल होने से रोक दिया गया।

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