
9 फ़रवरी, 2016 को तारीख 9 फरवरी 2016 को दिल्ली के जेएनयू में अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की फांसी को न्यायिक हत्या बताते हुए छात्रों ने साबरमती ढाबे के पास एक प्रोग्राम का आयोजन किया था जिसका नाम “द कंट्री विदआउट पोस्ट आफिस” था. इसी क्रार्यक्रम के दौरान आरोप लगा कि इस कार्यक्रम में मौजूद छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाए. पुलिस का दावा है कि यह सारा घटनाक्रम कैमरे में कैद हुआ. 11 फरवरी को पूर्वी दिल्ली के सांसद महेश गिरी की शिकायत पर पुलिस ने देशद्रोह का केस दर्ज किया और केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, और अनिरबन भटाचार्य से पूछताछ की. 12 फरवरी को जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया, जबकि उमर खालिद समेत कुछ छात्र गायब हो गए थे. 15 फरवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान कथित तौर पर भाजपा के कुछ वकीलों ने कन्हैया कुमार की पिटाई कर दी साथ ही कुछ पत्रकारों की भी पिटाई की गयी. 21 फरवरी को सभी फरार छात्र जेएनयू पहुंच गए. तीन दीन बाद यानी 24 फरवरी 2016 को दिल्ली पुलिस ने अर्निबान भटाचार्य और उमर ख़ालिद को गिरफ्तार कर लिया. लगभग 1 महीने के बाद तीनों को ज़मानत मिल गयी.
इसी पूरे मामले में आज दिल्ली पुलिस ने लगभग तीन साल के बाद इस मामले से जुड़े छात्रों पर चार्जशीट दायर किया है. सेक्शन-124 A, 323, 465, 471, 143, 149, 147, 120B के तहत इसे पेश किया गया है. चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के अलावा सात कश्मीरी हैं जिनमें कुछ छात्र हैं और कुछ छात्र नहीं हैं. इन सात कश्मीरी के नाम मुजीर (जेएनयू), मुनीर (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी), उमर गुल (जामिया यूनिवर्सिटी), बसारत (जामिया), खालिद भट्ट (जेएनयू), रईस रसूल (स्टूडेंट नहीं है), अकीब (डेंटल डाक्टर), खालिद भट्ट (जेएनयू) इसके अलावा 36 अन्य लोग भी आरोपी हैं. मुजीर (जेएनयू) और मुनीर (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) दोनों भाई हैं.
चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है. इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी. चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ की जा चुकी है.
कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और 7 कश्मीरी छात्रों के नाम कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं. कॉलम नंबर 11 का मतलब ये होता है कि इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन पर केस चलाया जा सकता है. बाकी 36 लोगों के नाम कॉलम नंबर 12 में रखा गया है जिनमें डी राजा की बेटी अपराजिता और शहला राशिद भी शामिल हैं. कॉलम नंबर 12 का मतलब ये हैं कि ये आरोपी तो हैं लेकिन जांच में पुलिस को इनके खिलाफ सबूत नहीं मिले. कोर्ट चाहे तो इन्हें समन कर सकता है. देशद्रोह, दंगा भड़काना, अवैध तरीके से इकठ्ठा होना और साज़िश के आरोप में पेश होगी चार्जशीट .कुल 46 आरोपी हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सबूत के तौर पर घटना के वक़्त के कई वीडियो फुटेज, जो सीबीआई की सीएफएसएल (CFSL) में जांच के लिए भेजे गए थे और जिसके नमूने पॉजिटिव पाए गए थे, इसके अलावा मौके पर मौजूद कई लोगों के बयान, मोबाइल फुटेज, फेसबुक पोस्ट, बैनर पोस्टर शामिल हैं. वहीं जेएनयू प्रशासन, एबीवीपी के छात्र, सिक्योरिटी गार्ड, औऱ कुछ अन्य छात्र को भी इसमें गवाह बनाया गया है. इस मामले में करीब 30 और लोग संदिग्ध पाए गए थे. लेकिन उनके खिलाफ सबूत नहीं मिले थे.
कुल 1200 पेज की चार्जशीट है. इस ममाले में 90 गवाह बनाए गए हैं. सबूत के तौर पर करीब 10 वीडियो क्लिप अहम सबूत हैं, जिनकी जांच CBI की CFSL में हुई थी और वे सही पाए गए थे.
जो वीडियो मिले हैं उनसे ये पता चलता है कि कन्हैया वहां थे. जो वीडियो भाषण वाला है उसमें क्या है? ये साफ नहीं है.
कन्हैया ने मीडिया को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा ‘दिल्ली पुलिस कहाँ 30 दिन में चार्जशीट करने वाली थी. 3 साल के बाद और चुनाव से 3 महिना पहले. लेकिन ठीक है. दिल्ली पुलिस से आग्रह है कि इसका स्पीडी ट्रायल करे.’
पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में लिखा “मोदी जी से हमने 15 लाख, रोज़गार और अच्छे दिन माँगे थे, देश के अच्छे दिन आए न आए कम से कम चुनाव से पहले हमारे ख़िलाफ़ चार्जशीट तो आई है। अगर यह ख़बर सही है तो मोदी जी और उनकी पुलिस को बहुत-बहुत धन्यवाद।”
मोदी जी से हमने 15 लाख, रोज़गार और अच्छे दिन माँगे थे, देश के अच्छे दिन आए न आए कम से कम चुनाव से पहले हमारे ख़िलाफ़ चार्जशीट तो आई है। अगर यह ख़बर सही है तो मोदी जी और उनकी पुलिस को बहुत-बहुत धन्यवाद।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 14, 2019
उमर खालिद ने कहा ‘मुझ पर सारे आरोप झूठे हैं.’
JNUSU, जिसके कन्हैया पूर्व अध्यक्ष हैं ने कहा कि वह उन सभी विद्यार्थियों के साथ हैं जिन्हें इस झूठे केस में फंसाया गया है.