
जेएनयू मामले में 3 साल के लंबे अरसे के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर करने के बावजूद इसकी हड़बड़ी आज स्पष्ट दिखी. दिल्ली पुलिस ने विधि विभाग से इजाज़त लिए बगैर ही कन्हैया, उमर और अन्य के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने पहुँच गयी. पटियाला कोर्ट से फटकार लगने के बाद कहा कि 10 दिन में इजाज़त ले लेंगे.
जेएनयू राजद्रोह मामले में आज दिल्ली के पटियाला हाउस में दिल्ली पुलिस पूर्व जेएनएयू छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य और सात कश्मीरी छात्रों के विरुद्ध चार्जशीट दायर करने पहुंची लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाज़त विधि विभाग से नहीं ली थी जिसको लेकर पटियाला कोर्ट से उसको फटकार का सामना करना पड़ा.
दिल्ली कोर्ट ने पूछा “कि क्या उसने चार्जशीट दायर करने की इजाज़त विधि विभाग से ली है.” इस पर दिल्ली पुलिस सन्नाटे में आ गयी. जवाब में कहा “उसे 10 दिनों का समय दिया जाए वह 10 दिनों के भीतर अनुमति ले आएगी.” इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई 6 फ़रवरी तक मुल्तवी कर दी. अभी सभी आरोपी जमानत पर हैं.
ज्ञात रहे कि उक्त आरोपियों पर भारत विरोधी नारा लगाने का आरोप है. लिहाज़ा इन पर राजद्रोह करने का मामला दर्ज किया गया है. चार्जशीट में राजद्रोह के अलावा, जानबूझकर क्षति पहुंचाना, धोखाधड़ी, दस्तावेज़ों की जालसाज़ी, अवैध तौर पर जनसभा करना, बलवा और चार सौ बीसी का भी आरोप हैं.
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दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत अन्य 9 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा शुरू करने की अपील की है जबकि आरोप पत्र में कुल 36 लोगों के नाम हैं, लेकिन बाकी को कॉलम 12 में रखा गया है क्योंकि उनके ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत नहीं है. कॉलम 12 में कम्युनिस्ट नेता डी राजा की बेटी अपराजिता और शेहला रशीद का नाम प्रमुख है. इन पर भी शुरू में यही मामले दर्ज किए गए थे.
पुलिस की चार्जशीट अधिकतर उन लोगों के मोबाइल की क्लिपिंग के आधार पर तैयार की गयी जिनका नाता भाजपा के छात्र इकाई एबीवीपी से है. इनके अलावा एक कांस्टेबल के पास नारे लगाने की क्लिप होने का दावा किया गया है.
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कन्हैया, उमर और अनिर्बन ने चार्जशीट की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया था. आम चुनाव अब से तीन महीने बाद है जबकि राजद्रोह जैसे संगीन अपराध में चार्जशीट की सामान्य अवधि बहुत कम है. हालांकि सभी आरोपियों ने दिल्ली पुलिस के इस क़दम का स्वागत किया.
उमर ने कहा कि अच्छा है अब यह मामला मीडिया ट्रायल से निकल कर असली अदालत तक पहुँच गया. उनहोंने अपने ऊपर सभी आरोपों को खारिज भी किया.