
हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका कानून की पढ़ाई कर रही कुछ स्टूडेंट्स की ओर से दाखिल की गई है।
स्टूडेंट्स ने अपनी याचिका में दावा किया है कि दरगाह के बाहर हिंदी और अंग्रेजी में नोटिस लगा है जिसमें कहा गया है कि दरगाह के भीतर महिलाओं को प्रवेश की इजाजत नहीं है। याचिका में दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने को असंवैधानिक घोषित करने की मांग भी की गई है।
पुणे में कानून की पढ़ाई कर रही इन फीमेल स्टूडेंट्स ने याचिका में कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र के महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दे दी है तो फिर देश की राजधानी में स्थित दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को कैसे प्रतिबंधित किया जा सकता है।
स्टूडेंट्स ने याचिका में कहा है कि उन्होंने इस बारे में दिल्ली पुलिस सहित कई कॉम्पीटेंट अथॉरिटीज को रिप्रेजेंटेशन देकर दरगाह में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दिलाने की गुहार लगाई। लेकिन किसी भी अथॉरिटी ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
एडवोकेट कमलेश मिश्रा के जरिए दाखिल याचिका में हाई कोर्ट से केंद्र के साथ साथ दिल्ली सरकार, पुलिस और दरगाह प्रबंधन को यहां पर महिलाओं का प्रवेश सुनिश्चित कराने के लिए गाइडलाइंस जारी करने को कहा है।
याचिका में कहा गया है कि अजमेर शरीफ दरगाह, हाजी अली दरगाह पर जब महिलाओं के प्रवेश की इजाजत है तो फिर निजामुद्दीन दरगाह पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।