
New Delhi : सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत प्राप्त जानकारी में यह बात सामने आई है कि केंद्रीय कानून मंत्रालय और भारतीय निर्वाचन आयोग के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM खरीदी के आंकड़े में भारी अंतर पाया गया है।
कानून मंत्रालय की ओर से एक नवंबर, 2017 को मुंबई के सामाजिक कार्यकर्ता मनोरंजन रॉय को दिए एक आरटीआई जवाब के अनुसार, कुल 23,26,022 संख्या में ईवीएम खरीदे गए। जिसमें 13,95,306 बैलटिंग यूनिट्स(बीयूएस) और 9,30,716 कंट्रोल यूनिट्स(सीयूएस) शामिल थे।
एक महीने बाद, 11 दिसंबर, 2017 को, चुनाव आयोग के आरटीआई जवाब में बताया गया कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र के दो ईवीएम विनिर्माताओं से 38,82,386 ईवीएम प्राप्त किए। भारत इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड(बीईएल), बेंगलुरू से 10,05,662 बीयूएस और 9,28,049 सीयूएस कुल मिलाकर 19,33,711 ईवीएम प्राप्त किए। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(ईसीआईएल), हैदराबाद से 10,14,664 बीयूएस और 9,34,031 सीयूएस यानी कुल 19,48,675 की संख्या में ईवीएम प्राप्त हुए।
रॉय ने कहा, “केंद्रीय कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग के आंकड़ों में इतना भारी अंतर के क्या मतलब हैं? चूंकि मंत्रालय चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर निर्भर रहेगा, इसलिए इस मामले में स्पष्टीकरण की जरूरत है।”
–आईएएनएस