
-द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क
नई दिल्ली, 30 नवंबर, 2017 | लगातार पांच तिमाहियों की सुस्ती के बाद देश की अर्थव्यस्था ने रफ्तार पकड़ी है। विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी आने से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 30 मई को समाप्त हुई चालू वित्त वर्ष (2017-18) की दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष (2017-18) की पहली तिमाही में जीडीपी में 5.7 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 सितंबर को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 6.3 फीसदी वृद्धि दर के साथ 31.66 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई।
सीएसओ के आकलन के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए), जिसमें कर शामिल होता है लेकिन सब्सिडी शामिल नहीं होती है, के आधार पर भारत ने छह फीसदी से ज्यादा जीडीपी वृद्धि दर रहने की मुख्य वजह विनिर्माण, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता संबंधी सेवाओं एवं व्यापार, होटल, परिवहन व संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं के क्षेत्र में तेजी को बताया है।
वहीं, कृषि, वानिकी और मछली, खनन व खदान, निर्माण, वित्त, बीमा, अचल संपत्ति और पेशेवर सेवाएं और लोक प्रशासन, रक्षा व अन्य सेवाओं के क्षेत्र में आर्थिक विकास दर इस साल की दूसरी तिमाही में क्रमश: 1.7 फीसदी, 5.5 फीसदी, 2.6 फीसदी, 5.7 फीसदी और छह फीसदी दर्ज की गई है।
मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए अनंत ने आंकड़ों का विवरण प्रस्तुत करते हुए पत्रकारों से कहा कि घटती विकास दर की प्रवृत्ति में बदलाव उत्साह का द्योतक है।
अनंत ने कहा, “जीडीपी में हालिया गिरावट वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में शुरू हुई थी। इसलिए पिछले साल की वृद्धि दर 7.2 फीसदी के मुकाबले चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की जीडीपी वृद्धि उत्सावर्धक है।”
उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर 1.2 फीसदी थी, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर सात फीसदी हो गई। समीक्षाधीन तिमाही में कृषि विकास दर 1.7 फीसदी रही। इसकी वजह फसलों के उत्पादन में थोड़ी कमी रही, जबकि पिछले साल मानसून अच्छा रहने से कृषि फसलों की पैदावार अच्छी हुई थी।
उनका कहना था कि जुलाई में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद दूसरी तिमाही में जीवीए की गणना में कई अनिश्चितताएं रहीं और संशोधित आकलन में जीएसटी के अंतिम आंकड़े आने पर अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में बढ़ोतरी दर्ज हो पाई।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीडीपी के आंकड़ों में बढ़ोतरी पर टिप्पणी करते हुए पत्रकारों से कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे दो ढांचागत सुधारों का यह प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में बदलाव से जाहिर है कि सुधारों का विनिर्माण क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
उनका कहना था कि स्थिर पूंजी निर्माण के आंकड़ों से जाहिर है कि वास्तव में निवेश बढ़ रहा है।
-आईएएनएस