कार्ति के घर ईडी का छापा, चिदंबरम ने कहा त्रुटियों की कॉमेडी 




भूतपूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (साभार: ट्विटर)

मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क

नई दिल्ली, 13 जनवरी| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को एक धन शोधन मामले के संबंध में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के दिल्ली और चेन्नई के घरों पर छापेमारी की। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने अनुमान लगाया था कि जांच एजेंसी अपनी कमियों को छुपाने के लिए कुछ नाटक कर सकती है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि छापे दिल्ली के एक और चेन्नई के चार स्थानों पर मारे गए।


ईडी ने 2007 में आईएनएक्स मीडिया के लिए विदेशी निवेश में कथित अनियमितता संबंधी धनशोधन मामले में कार्ति चिदंबरम को गुरुवार को ताजा समन जारी किया था। ईडी ने मई 2017 में पूर्व वित्त मंत्री के बेटे के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कार्ति को नोटिस भेजा था जिस पर कार्ति की अपील पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। चिदंबरम ने कहा कि यह छापे कार्ति की अपील पर सुनवाई के बाद प्रतिक्रिया के रूप मारे गए हैं। 46 वर्षीय व्यवसायी ने सीबीआई समेत जांच एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों पर सवाल उठाए थे।

पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने अनुमान लगाया था कि चेन्नई स्थित उनके आवास पर फिर से छापेमारी हो सकती है। लेकिन वह एक पर एक गलती करते हुए दिल्ली स्थित जोर बाग परिसर में छापेमारी के लिए गए और अधिकारियों ने मुझे बताया कि उन्हें लगता है यह कार्ति का घर है लेकिन ऐसा नहीं है।

चिदंबरम ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “मैंने उन्हें बताया कि वह चेन्नई का निवासी है और मैं दिल्ली के इस घर का निवासी। चेन्नई में भी कुछ बरामद नहीं हुआ। उन्होंने चेन्नई परिसर में अब तक तीन दफा छापेमारी की है।”

पूर्व मंत्री ने कहा कि कार्ति द्वारा दाखिल मामलों पर सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी को नोटिस जारी किया था। कार्ति ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि धन शोधन अधिनियम की रोकथाम (पीएमएलए) के तहत अपराधों पर एजेंसी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।

उन्होंने कहा कि उन्हें छापों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि उनके पास वारंट थे लेकिन इस मामले में ईडी के अधिकार क्षेत्र पर ही सवाल उठा था।

उन्होंने कहा, “इस मामले में मुख्य बात यह है कि अपराध के संदर्भ में सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों समेत किसी भी पुलिस एजेंसी ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। ऐसे में यहां अपराध का सवाल ही नहीं उठता और पीएमएलए के तहत ईडी का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।”

पूर्व मंत्री ने कहा, “ईडी के पास पीएमएलए के तहत मामले की जांच का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। मैंने उनका नाम दर्ज कर लिया है। जाहिर है उन्हें कुछ नहीं मिला। उन्होंने बेडरूम, किचन छान मारा। उन्हें कुछ नहीं मिला। चूंकि उन्हें औचित्य सिद्ध करना है कि वह यहां आए थे।”

उन्होंने कहा, “वह इस मामले में पिछले दस्तावेज और 2012-2013 में सरकार द्वारा दिए बयान से संबंधित दस्तावेज ले गए। वे 13 खुले पेपर अपने साथ ले गए। मैंने यह दर्ज कर लिया है। वे संसद में दिए बयान की प्रतियां थीं।”

उन्होंने कहा कि उनके घर की तलाशी लेने वाले ईडी अधिकारी विनम्र थे और बहुत शर्मिदा थे क्योंकि उन्हें दिल्ली स्थित घर के निवासी के रूप में कार्ति नहीं मिले।

चिदंबरम ने कहा कि जब से ईडी अधिकारियों को सर्च वॉरंट मिला है तब से उन्होंने तलाशी पर कोई आपत्ति नहीं जताई है।

ईडी ने दिसंबर में इस मामले के तहत कार्ति के रिश्तेदारों और अन्य के परिसरों पर इसी तरह के कई छापे मारे थे।

पूर्व वित्त मंत्री पी.चिंदबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया के लिए एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में कार्ति की कथित भूमिका की जांच हो रही है।

कार्ति को कथित तौर पर इसके एवज में मुंबई स्थित आईएनएक्स मीडिया से 3.5 करोड़ रुपये मिले। आईएनएक्स मीडिया अब 9एक्स मीडिया के नाम से जाना जाता है। यह रुपये एफआईपीबी को मंजूरी दिलाने में मदद के लिए दिए गए थे।

–आईएएनएस

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