
राजमूंदरी (आंध्रप्रदेश), 6 नवंबर | उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यहां सोमवार को कहा कि शिक्षा के माध्यम से चरित्र निर्माण और सदाचरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। नायडू यहां आदिकवि नान्या विश्वविद्यालय में आर्ट्स कॉलेज, बॉटनिकल गार्डन की आधारशिला रखने और सुविधा केंद्र और एनटीआर सम्मेलन केंद्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “शिक्षा के स्तर को उठाने की आवश्यकता है और शिक्षकों की व्यावसायिक क्षमता में सुधार की जरूरत है। भारत की पहचान विश्वगुरु के तौर पर होती रही है। भारतीय अपनी जाति या धर्म के बजाए बुद्धिमत्ता, ज्ञान और प्रतिभा के लिए जाने जाते थे। हमें अपने छात्रों को समकालीन चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने और उनका बौद्धिक विकास करने के लिए इन गुणों से परिपूर्ण बनाना होगा।”
उपराष्ट्रपति ने कहा, “शिक्षकों को ज्ञान का प्रसार करना चाहिए। अध्यापकों को मित्रवत सलाहकार और आदर्श प्रेरक की भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। छात्रों को बलपूर्वक नहीं, बल्कि प्रेम और स्नेह से सिखाया जाना चाहिए।”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ नौकरी पाना नहीं, बल्कि व्यक्ति का सशक्तीकरण और आंतरिक उत्थान होना चाहिए।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई.एस. एल नरसिम्हन, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री एन. चीनाराजप्पा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
— आईएएनएस