
इन दिनों देश में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. कई केंद्रीय मंत्री और सांसदों की ओर से राम मंदिर निर्माण को लेकर कई तरह के बयान दिए जा रहे हैं.
साथ ही आरएसएस और वीएचपी जैसे कई हिंदूवादी संगठन राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। हालांकि इस मांग में अचानक आई तेज़ी को भाजपा की चुनावी रणनीति कहना गलत नहीं होगा.
देश के वर्तमान राजनीतिक हालात और राम मंदिर मामले पर बरसते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज के सेकुलर भारत आम लोगों से जुड़े मामलों के लिए संघर्ष नहीं कर रहे हैं. लोग तो राम के लिए लड़ रहे हैं. क्या भगवान राम स्वर्ग से आएंगे और किसानों का भला करेंगे? क्या बेरोजगारी एक दिन में खत्म हो जाएगी क्योंकि राम आ रहे हैं?
बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तो शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी और यूपी की योगी सरकार को वॉर्निंग देते हुए कहा था कि अगर इन सरकारों ने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया, तो वो सरकार गिरा देंगे.
ऐसे बयान तब आ रहे हैं जब राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर जनवरी, 2019 में सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई आस्था के आधार पर नहीं बल्कि जमीन विवाद के हिसाब से हो रही है.
Farooq Abdullah: Today, look at secular democratic India. You’re not fighting on issues that matter to ppl. You’re fighting for Ram. Is Ram going to come from heaven&give farmers something better?Or unemployment will disappear in a day because Ram is coming. They are fooling ppl. pic.twitter.com/NiNKyKvFKG
— ANI (@ANI) December 8, 2018