
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदम्बरम ने मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल के पहले केन्द्रीय बजट की कड़ी आलोचना की है. उनहोंने कहा है कि उनहोंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा, जिसमें न तो राजस्व का ज़िक्र है, न ही खर्च और घाटे का ब्यौरा दिया गया है. चिदंबरम ने इसके अलावा दावा किया कि उनकी (कांग्रेसी) सरकार भविष्य में एप्पल आइपैड में बजट लेकर आएगी.
दरअसल, शुक्रवार, 5 जुलाई, 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पुरानी परंपरा छोड़ कर लाल रंग के कपडे में बजट के दस्तावेज़ सदन ले कर आई थीं.उनहोंने बजट को देश का खाता-बही नाम भी दिया. पहले के वित्त मंत्री बजट के दस्तावेज़ ब्रीफकेस में ले कर आते थे. चिदंबरम ने बजट पेश होने के कुछ देर बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “आप मुझसे लिख कर ले लीजिए, हमारा कांग्रेसी वित्त मंत्री भविष्य में बजट आईपैड में लेकर आएगा.”
चिदंबरम, आईपैड का ज़िक्र कर यह कहना चाह रहे थे कि उनकी सरकार और आधुनिक तकनीक और तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर बेहतर बजट लाएगी.
यही नहीं, उनहोंने आगे बताया, ”वित्त मंत्री (सीतारमण) ने जहाँ दावा किया है कि उन लोगों ने एक लाख करोड़ रुपए के नो परफार्मिंग एसेट्स (NPA) को कम किया. ऐसे में उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि उसी समयकाल में बैंकों ने पांच लाख 55 हज़ार 603 करोड़ रुपए भट्टा-खाते में डाल दिए. मुझे नहीं मालूम कि आखिर उनहोंने यह बात क्यों छिपाई.”
चिदंबरम के अनुसार, “क्या कभी कोई ऐसा बजट आया है, जिसमें कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटे, राजस्व घाटे और वित्तीय रियायतों का उल्लेख नहीं है? हम अब तक चली आ रही परंपराओं से इस सरकार के अलग जाने से स्तब्ध हैं.”
पूर्व वित्तीय मंत्री ने कहा – आम नागरिकों या जानकार अर्थशास्त्रियों की आवाज़ को सुने बिना यह बजट तैयार किया गया. यह बजट आर्थिक समीक्षा से पैदा हुई मामूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं है. वित्त मंत्री ने किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं पहुंचाई है. इसके उलट उनहोंने कई वस्तुओं और पेट्रोल एवं डीजल पर कर का बोझ बढ़ा दिया .
पी. चिदंबरम ने अपने ट्विटर पर अपना बयान भी साझा किया है जिसका सार यही है कि वित्त मंत्री का पूरा बजट भाषण आंकड़ों से खाली रहा.
Opening statement of P. Chidambaram pic.twitter.com/w2GRXZes7m
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 5, 2019
बजट पेश होने के बाद सोशल मीडिया यूजर ने मीम के माध्यम से बजट की कमी को उजागर किया है. लोगों ने इसे गरीबी और बेरोज़गारी बढ़ाने वाला बजट बताया है. लोगों का कहना रहा कि यह बजट छलावा है जिसमें उद्योगपतियों के लिए और निजी कंपनियों को ज्यादा सुविधा दी गयी हैं.