
गंगा की सफाई की मांग को लेकर अनशन पर बैठे जीडी अग्रवाल का गुरुवार को निधन हो गया। 86 साल के जीडी अग्रवाल की मृत्यु ऋषिकेश एम्स में हुआ।
गंगा समेत अन्य नदियों की सफाई को लेकर जीडी अग्रवाल ने पहली बार 2008 में हड़ताल की थी। उसके बाद अग्रवाल 2012 में पहली बार आमरण अनशन पर बैठे थे। इस दौरान राष्ट्रीय गंगा बेसिन प्राधिकरण को निराधार कहते हुए उन्होंने इसकी सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया।
2014 में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा की स्वच्छता के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी। इसके बाद जीडी अग्रवाल ने आमरण अनशन खत्म कर दिया था। लेकिन चुनाव पश्चत इसका कोई भी परिणाम सामने नहीं आया।
22 जून, 2018 को हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में दोबारा अनशन शुरू किया। 10 जुलाई, 2018 को पुलिस ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे जीडी अग्रवाल को जबरन उठा लिया और एक अज्ञात स्थान पर ले गए।
सरकार ने वयोवृद्ध पर्यावरणविद को ऋषिकेष स्थित एम्स में हिरासत में ले लिया। यहां चिकित्सकों के जबरदस्ती करने पर भी उन्होंने भोजन नहीं किया। 9 अक्टूबर से जल भी त्याग दिया था। इस दौरान सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उनसे अनशन खत्म करने का आग्रह किया, जिसे स्वामी सानंद ने अस्वीकार कर दिया था।
(साभार आउटलुक)