
-द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क
नई दिल्ली, 21 जनवरी, 2018 | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि भगवान की कृपा से आप को दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से 67 सीटें इसीलिए मिली थी, क्योंकि तीन साल बाद उनकी पार्टी के 20 विधायक अयोग्य घोषित होने वाले थे। आम आदमी पार्टी (आप) के ट्विटर हैंडल पर जारी एक बयान में केजरीवाल ने कहा है, “मैंने हमेशा कहा कि यह सब भगवान की कृपा है। उन्हें यह भी पता था कि तीन साल बाद ये लोग हमारे 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर देंगे। इसलिए उन्होंने हमें दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें दी।”
“मैं हमेशा से कहता आया हूँ की ये सब ऊपर वाले का ही चमत्कार है,
उसे भी पता होगा की ये लोग तीन साल बाद हमारे 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा देंगे,
इसलिए ऊपर वाले ने हमे 70 में से 67 सीटें दीं”- @ArvindKejriwal pic.twitter.com/RryBD9kWAP— AAP (@AamAadmiParty) January 21, 2018
केजरीवाल की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इन विधायकों पर लाभ के पद धारण करने के आरोप थे।
केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “उन्होंने (भाजपा नीत केंद्र सरकार) हमारे विधायकों पर झूठे आरोप लगाकर हमें काफी परेशान किया। उन्होंने मेरे ऊपर सीबीआई के छापे डलवाए और उन्हें कुछ नहीं मिला। आज उन्होंने हमारे 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।”
“इन्होंने हमे खूब प्रताड़ित किया, हमारे विधायकों पर फ़र्ज़ी केस करवाये, मेरे ऊपर सीबीआई रेड करवाई ,लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला,
लेकिन अंत में आज इन्होंने हमारे 20 विधायक अयोग्य करार कर दिए”- @ArvindKejriwal pic.twitter.com/UiZeqT4shH— AAP (@AamAadmiParty) January 21, 2018
केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी निर्वाचन आयोग के इस एकतरफा, अनैतिक और असंवैधानिक फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम सर्वोच्च न्यायालय भी जाएंगे। संविधान सर्वोच्च है, जिसकी रक्षा हमारी न्याय प्रणाली ने समय समय पर की है।”
कोविंद की मंजूरी के बाद, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम (जीएनसीटीडी) के तहत अयोग्य ठहरा दिया है।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी। इन सभी पर बतौर संसदीय सचिव लाभ के पद पर आसीन होने के आरोप थे। आयोग ने राष्ट्रपति को अपना सुझाव वकील प्रशांत पटेल की शिकायत पर दिया था। हिंदू लीगल सेल के सदस्य पटेल ने जून 2015 में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध बताते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष याचिका दाखिल की थी।
-आईएएनएस