
नरेंद्र मोदी, जो शनिवार को प्रधानमंत्री के रूप में एक दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करने को तैयार दिखे, ने कहा कि उनकी सरकार अब “नई ऊर्जा के साथ एक नए भारत के निर्माण के लिए एक नई यात्रा” शुरू करेगी और एनडीए के नव निर्वाचित सांसदों को धर्म और जातियों के आधार पर बिना किसी भेदभाव के काम करने का आह्वान किया.
भाजपा की नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता चुने जाने के बाद अपने 75 मिनट के संबोधन में, मोदी ने अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, कहा कि उन्हें स्पष्ट तौर पर विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि चुनावों के दौरान वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यकों को “भय” के साथ और “शोषित” बन कर जीने के लिए बाध्य किया गया.
उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार जिम्मेदारियां दी जाएंगी.
मोदी ने कहा, “हमने 2014-19 में गरीबों के लिए सरकार चलाई. मैं कह सकता हूँ कि यह सरकार गरीबों की चुनी हुई सरकार है.”
प्रधान मंत्री ने कहा, हमने सबका साथ, सबका विकास के लिए काम किया है, अब हमारा मन्त्र सबका विशवास है.
“जिस तरह से गरीबों को धोखा दिया गया है, अल्पसंख्यकों को धोखा दिया गया है. अच्छा होता अगर उनकी शिक्षा, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता. 2019 में, मैं आपसे उम्मीद करता हूं कि आप उस धोखे को भेद दें.” हमें उनका विश्वास अर्जित करना होगा,” पीएम मोदी ने आज शाम संसद के सेंट्रल हॉल में कहा.
“जिस तरह से गरीबों को धोखा दिया गया था, हम उसे खत्म करने में सक्षम रहे.”
“हम उन लोगों के लिए खड़े हों जिन्होंने हम पर भरोसा किया और उन लोगों के लिए भी जिनका भरोसा हमें जीतना है.”
मोदी ने सांसदों को कई दिशा-निर्देश दिए. उनहोंने उन्हें प्रचार के लिए मीडिया को बयान देने और “वीआईपी संस्कृति” से दूर रहने की सलाह दी.
उन्होंने आज़ादी के लिए 1857 के संघर्ष की भावना का स्मरण करते हुए कहा कि सभी समुदायों ने तब आजादी के लिए हाथ मिलाया था और बेहतर शासन के लिए अब इसी तरह का आंदोलन शुरू किया जाना चाहिए.
मोदी ने अपने भाषण से पहले सेंटल हॉल में भारत माता की जय और वन्दे मातरम के उद्घोष के बीच संविधान के सामने माथा टेका.
इस बार NDA के 353 सांसद चुने गए हैं, जिनमें 303 भाजपा के हैं.