
—द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क
बर्लिन, 3 जनवरी| जर्मनी में फेसबुक ट्विटर, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया साइट पर मौजूद नफरत फैलाने वाले भाषण, भ्रमित करने वाली एवं अवैध सामग्रियों की शिकायत मिलने के 24 घंटों के भीतर इन्हें साइट से हटाने का कानून नए साल से लागू हो गया है। जर्मनी के सार्वजनिक प्रसारक ड्यूश वेले के अनुसार, अगर सोशल मीडिया नफरत फैलाने वाले भाषणों से जुड़े पोस्ट को जल्दी नहीं हटाता तो उस पर छह करोड़ डालर तक का जुर्माना लग सकता है।
एनईटीजेडडीजी कानून को जून 2017 के अंत में पारित और अक्टूबर में लागू कर दिया गया था लेकिन सोशल मीडिया साइटों को नई शिकायत प्रबंधन प्रणालियों को स्थापित करने के लिए तीन महीने की अनुग्रह अवधि (ग्रेस पीरियड) प्रदान की गई थी।
फेसबुक, ट्विटर, गूगल, यूट्यूब, स्नैपचैट और इंस्टाग्राम, सभी इस कानून के तहत आएंगे। हालांकि, लिंक्डइन, जिंग एवं व्हाट्सएप इसके दायरे से बाहर है।
इस कानून के तहत कंपनियों को एक वार्षिक रिपोर्ट भी जारी करनी होगी जो यह दर्शाएगी कि उन्होंने कितनी पोस्ट मिटाईं और क्यों मिटाईं।
–आईएएनएस