मनमाना पैसा वसूली के बावजूद नहीं थम रहा रेल हादसा; उत्तर प्रदेश में वास्को डि गामा एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतरे, 3 मरे वहीँ ओडिशा में मालगाड़ी के 14 डिब्बे पटरी से उतरे




प्रतीकात्मक छवि

-द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क

लखनऊ (उत्तर प्रदेश), 24 नवम्बर| 10 से 20 रुपया का प्लेटफार्म टिकट, तत्काल किराया में बढ़ोतरी, हवाई जहाज़ किराया के तर्ज़ पर रेल में भी सर्ज प्राइसिंग यानि जितना कम टिकट उतना ज्यादा पैसा, रद्दीकरण में भी मनमाना वसूली उसके बावजूद न तो सफ़ाई का कोई प्रबंध, न कैटरिंग के खाने का कोई मानक, रेल सुरक्षा की तो कहिए मत, अगर आप रेल यात्रा से वापस आ गए तो ईश्वर का कोटि कोटि धन्यवाद कहिए.

अभी महिना ही गुज़रा था कि आज फिर से दो रेल और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. उत्तर प्रदेश में मानिकपुर के पास शुक्रवार सुबह सवेरे वास्को डि गामा एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतरने की घटना में तीन यात्रियों की मौत हो गई जबकि सात से अधिक घायल हो गए। यह घटना चित्रकूट जिले के मानिकपुर स्टेशन पर शुक्रवार तड़के 4.18 बजे हुई।



रेलगाड़ी के जो डिब्बे बेपटरी हुए हैं, उसमें एस3, एस4, एस5, एस6, एस7, एस8, एस9, एस10, एस11, दो अतिरिक्त स्लीपर कोच और दो जनरल डिब्बे हैं।

दो मृतकों की पहचान दीपक पटेल और उनके पिता राम स्वरूप के रूप में की गई है, जो बिहार के बेतिया के रहने वाले हैं। एक व्यक्ति जिनकी आयु लगभग 25 वर्ष है की पहचान नहीं हो पाई।

दूसरा रेल हादसा मालगाड़ी के साथ हुआ. पटना जा रही वास्को डि गामा एक्सप्रेस के 13 डिब्बों के बेपटरी होने के कुछ ही घंटों बाद ओडिशा के खुर्दा रोड पर कोयला ले जा रही मालगाड़ी के 14 डिब्बे भी पटरी से उतर गए।

रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार यह दुर्घटना कटक से लगभग 45 किलोमीटर और पारादीप से करीब 38 किलोमीटर दूर सुबह लगभग 5.55 बजे हुई.

रेल मंत्रालय ने ट्वीटर के माध्यम से मरने वालों और घायल लोगों की सूची जारी की है और सहायता हेतु दूरभाष संख्या भी प्रकाशित किया है. मृतक की सूची यह है:

घायलों की सूची इस प्रकार रेलमंत्रालय ने ट्विटर पर प्रकशित किया है.

रेल मंत्रालय ने सहायतार्थ विभिन्न स्टेशनों की सूची जारी की है जहाँ से आवश्यक सूचना प्राप्त की जा सकती है. सहायतार्थ टेलीफोन नंबर की सूची यह है:



मानवरहित क्रासिंग पर भी रेल का कोई ध्यान नहीं जा रहा. आए दिन मानव रहित क्रासिंग पर दुर्घटना हो रही हैं जिसका उल्लेख विरले ही होता है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को मानव रहित मठा भुसुंडा रेलवे क्रॉसिंग पर बारातियों से भरी बोलेरो ट्रेन से टकरा गई जिसमें चार लोगों की मौके पर मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को मुसाफिरखाना सीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जहां गंभीर हालत देख चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रिफर कर दिया।

इसमें पीड़ीत के संबंधी ने ट्वीट कर रेल मंत्रालय को भी बताया है कि इस हादसे में उसने अपना खोया.

सीताराम येचुरी ने रेल दुर्घटनाओं पर आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया है कि “रेल दुर्घटना और इंसानी मौत की संख्या में बढ़ोतरी लेकिन कोई राजनीतिक ज़िम्मेदारी नहीं. सरकार कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती. केवल पीआर और गोलमाल.”

रेल मंत्रालय को चाहिए कि उनकी वर्तमान सरकार जनता को बुलेट ट्रेन के सपने दिखाना बंद कर ज़मीनी स्तर पर काम करें और रेल की यात्रा को सही मायने में मंगलमय बनाएं.

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