
New Delhi : नई दिल्ली के जंतर मंतर पर वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर रविवार को दो दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया। जहाँ अलग-अलग राज्यों से आए छोटे-छोटे संगठनों के प्रतिनिधि एक-एक करके अपनी अपनी भाषा में सम्बोधित कर रहे हैं। इन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार को अपना अंशदान बढ़ाना चाहिए।
दरअसल वृद्धावस्था पेंशन योजना में केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर योगदान करती हैं। राज्यों के अंशदान की रकम अलग-अलग है, जबकि केंद्र इसमें बीते 11 साल से सिर्फ़ 200 रुपये का अंशदान दे रहा है।
इस विरोध प्रदर्शन एनजीओ हेल्प एज इंडिया और पेंशन परिषद की ओर से आयोजित किया गया है। पेंशन परिषद कई राज्यों के छोटे छोटे मज़दूर और सामाजिक संगठनों का समूह है। इस विरोध प्रदर्शन में सामाजिक कार्यकर्त्ता निखिल डे भी मौजूद रहें।
पेंशन परिषद से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे बताते हैं कि कई जगहों पर राज्य सरकारें केंद्र की तुलना में पांच से आठ गुना अंशदान दे रही हैं। निखिल डे के मुताबिक, गोवा और दिल्ली में वृद्धावस्था पेंशन की रकम दो हज़ार रुपये मासिक है। हरियाणा और आंध्र प्रदेश में ये रक़म एक हज़ार रुपये के क़रीब है। वहीं हिमाचल, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में यह 400 से 600 रुपये के बीच है।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग ये है कि न्यूनतम मज़दूरी का कम से कम 50 फ़ीसदी वृद्धावस्था पेंशन में मिलना चाहिए।