
ANI के अनुसार, योग गुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को भारत-चीन विवाद पर कहा कि भारत अकेले सक्षम है कि वह चीन को सबक सिखा सकता है।
उनहोंने कहा कि “भारत के पास चीन से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में गोला बारूद और सेना है. चीन जितना चाहे खून, डॉलर, हथियार और जो चाहे जमा कर ले भारत का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता.
उनहोंने आगे कहा कि भारत को चीन के साथ सख्ती से निपटना चाहिए और उसे घुटनों पर आने को मजबूर कर देना चाहिए. यह विश्व के कमज़ोर देशों को तो दबा सकता है लेकिन भारत जैसा देश इसके गीदड़ भभकियों से नहीं डरने जा रहा है और न ही चीन इतना सक्षम है कि वह किसी भी स्तर पर भारत का मुकाबला कर सके.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भारत से प्यार है उन्हें चीन के माल का बहिष्कार करना चाहिए.
ज्ञात रहे कि रामदेव पतंजली के उत्पादों की मार्केटिंग लगातार लोगों को देश का हवाला देकर कर रहे हैं. पतंजली आयुर्वेद के सह-संस्थापक बालकृष्ण को फोर्ब्स ने 2017 की भारतीय अमीरों की सूची में 16,000 करोड़ की संपत्ति के साथ 48वें पायदान पर रखा है.
पतंजली आयुर्वेद कई बार अपने उत्पादों की खराब गुणवत्ता के कारण चर्चा में रहा है. भाजपा की वरिष्ठ नेता मेनका गांधी ने पतंजली के कुछ उत्पादों में जानवरों की हड्डी होने को लेकर भी संबंधित अथॉरिटी को शिकायत की थी. बाबा रामदेव इससे पहले कोका कोला, पेप्सी और कई अन्य उत्पादों के खिलाफ भी मोर्चा खोल चुके हैं. साफ़ है कि वह ऐसे बोल बोल कर पतंजली के उत्पादों के लिए बाज़ार पैदा करने का प्रयास करते रहे हैं.
यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजली आयुर्वेद का प्रतिस्पर्धा विदेशी कंपनियों के साथ नहीं है, इसका बाज़ार में सीधा सीधा मुकाबला डाबर और बैधनाथ जैसी स्वदेशी कंपनियों से ही है.
योग गुरु बाबा रामदेव ने देश को भ्रष्टाचार मुक्त कराने और काला धन वापस लाने के उद्देश्य से 2010 में भारत स्वाभिमान पार्टी भी बनाया था और लोकसभा के सभी 543 सीट से अपने उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की थी जो मात्र घोषणा ही रह गया.