विविधता में एकता और भूख से आज़ादी के संकल्प का दिन है अंतर्राष्ट्रीय मानव एकता दिवस




20 दिसम्बर को विश्व मानव एकता दिवस मनाया जाता है (चित्र साभार: संयुक्त राष्ट्र)

 

2018 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार, कुपोषण और बच्चों में मृत्यु दर के पैमाने पर 119 देशों में 103वें पायदान पर है जो बहुत ही चिंताजनक है. इसका अर्थ यह है कि हम दुनिया के मात्र 6 देशों से बेहतर हैं. हम नाइजीरिया से बेहतर और नेपाल से भी खराब स्थिति में है.

-मोहम्मद मंसूर आलम

दिसम्बर 20 संयुक्त राष्ट्र संघ का विश्व मानव एकता दिवस है. इसकी शुरुआत 2005 में हुई थी. आज के दिन दुनिया भर के लोग संयुक्त राष्ट्र संघ के इस घोषित दिन को मनाते हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यह दिन विविधता में एकता का जश्न मनाने का दिन है. इसके अतिरिक्त, इस दिन सरकारों को अंतर्राष्ट्रीय समझौते का स्मरण कराया जाता है. एकता का महत्व समझाने और दुनिया से गरीबी मिटाने को लेकर भी यह दिन मनाया जाता है.



इस दिवस का उद्देश्य

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार आज का दिन:

  • विविधता में एकता का जश्न मनाने के दिन है
  • दुनिया भर की सरकारों को उनके द्वारा किए गए अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का स्मरण कराने का दिन है
  • एकता के महत्व को जन जन तक पहुँचाने का दिन है
  • गरीबी उन्मूलन सहित स्थायी विकास के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए एकता को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा को प्रोत्साहित करने का दिन है
  • गरीबी उन्मूलन के लिए नए उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करने का दिन है

भूखमरी उन्मूलन इस वर्ष का थीम

इस दिन को मनाने के पीछे के उद्देश्यों में भूखमरी उन्मूलन के कार्यों को प्रोत्साहित करना और नए कार्यक्रम बनाना है. इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र ने भूखमरी उन्मूलन को अपना थीम बनाया है. अपने ट्वीट में संयुक्त राष्ट्र ने लिखा है कि “गुरुवार को और हर दिन एकता दिवस, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम का साथ दें और ऐसी दुनिया की मांग करें जहाँ कोई बच्चा भूखा न हो.”

संयुक्त राष्ट्र ने अपने ट्वीट के साथ एक विडियो शेयर की है जिसका सन्देश है कि बच्चे हमारा भविष्य हैं इन्हें भूखा न रहने दें.

भारत में भूखमरी

2018 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार, कुपोषण और बच्चों में मृत्यु दर के पैमाने पर 119 देशों में 103वें पायदान पर है जो बहुत ही चिंताजनक है. इसका अर्थ यह है कि हम दुनिया के मात्र 6 देशों से गरीबी और भूखमरी में बेहतर हैं. हम नाइजीरिया से बेहतर और नेपाल से भी खराब स्थिति में है. देश में हमारी आबादी का 14.9% भाग अल्पपोषित है, भारत की आबादी का लगभग 20 करोड़ लोग हर रोज़ भूखे सो जाते हैं. 5 वर्ष की आयु से कम के 21% बच्चे का वज़न कम है. 5 वर्ष की आयु से कम के 38.4% बच्चे अविकसित हैं. 4 में से 1 बच्चे यानी 25% बच्चे कुपोषित हैं.

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