क्या बाबरी मस्जिद का विध्वंस कांग्रेसियों का शौर्य है?




एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर का फेसबुक पोस्ट

क्या बाबरी मस्जिद का विध्वंस कांग्रेसियों का शौर्य है? अगर कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर और मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े की इस फेसबुक पोस्ट को देखें तो अंदाज़ा हो जाएगा कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस जिस का महज़ आज तक भाजपा समर्थित हिन्दुओं पर आरोप लगता रहा है वह कुछ कांग्रेस नेताओं के लिए भी शौर्य का विषय है.



कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर और मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लोगों को शौर्य दिवस की बधाई दी है. दक्षिण पंथी विचारधारा के लोग 6 दिसम्बर, 1992 को बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद से हर साल इस दिन को शौर्य दिवस के तौर पर मनाते रहे हैं.

ज्ञात रहे कि विधान सभा चुनावों में और इससे पहले गुजरात विधान सभा चुनाव में जिस तरह से राहुल गांधी ने अपने आपको हिन्दू साबित करने के लिए मंदिरों के दर्शन किया उससे बहुत सारे लोगों की त्योरियां पहले से चढ़ी हैं. उनका माना है कि राहुल गांधी ऐसा करके कांग्रेस उसी हिंदुत्व एजेंडा पर अपने आप को ढाल रही है जो भाजपा करती आ रही थी. इनका आरोप रहा है कि जिस तरह से भाजपा ने राजनीति में धर्म का उपयोग करना शुरू किया था वही अब कांग्रेस भी खुले तौर पर कर रही है. हालंकि बहुत सारे लोग इसे राहुल का निजी मामला मानते हैं. उनका कहना है कि राहुल अगर हिन्दू हैं तो उनका मंदिर जाना कोई बुराई नहीं है.

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर और मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े द्वारा शौर्य दिवस की बधाई का चित्र (अंकुश भटनागर की फेसबुक पोस्ट से साभार)

बाबरी मस्जिद के विध्वंस को शौर्य दिवस के तौर पर मनाना और इसकी बधाई देना कांग्रेस के लिए महंगा पड़ सकता है. अभी तक इस पर कांग्रेस के बड़े नेताओं का कोई जवाब नहीं आया है.

ज्ञात रहे कि भारत के हिन्दुओं का एक बड़ा तबका बाबरी विध्वंस को संविधान पर हमले और भारतीय संस्कृति पर आघात की तरह लेती रही है.

6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद को आरएसएस समर्थित पार्टियों और दलों के कार्यकर्ताओं ने गिरा दिया था. तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे. उसके बाद उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. तब राव पर भी बाबरी मस्जिद को गिराने में सांठ-गाँठ का आरोप लगा था जिसे बाद में कई कांग्रेस के नेताओं ने खंडन किया था और माफ़ी भी मांगी थी.



2019 के लोक सभा चुनाव आने से पहले फिर से बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का मामला गरमाया है और हिंदुवादी संगठनों ने राम मंदिर निर्माण को लेकर पिछले कुछ दिनों पहले अयोध्या में धर्म सभा की थी जो भाजपा का समर्थन न मिलने के कारण पूरी तरह से विफल रहा.

ज्ञात रहे कि नवम्बर में विश्व हिन्दू परिषद और शिवसेना द्वारा आयोजित अयोध्य धर्म सभा के दौरान कांग्रेसी नेता सी पी जोशी ने भी कहा था कि अगर कोई सरकार राम मंदिर का निर्माण करवा सकती है तो वह कांग्रेस की सरकार है.

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