शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को खाना खिलाने के लिए इस सरदार ने बेच दिया अपना फ्लैट




हाथ में टोकड़ी लिए हुए डीएस बिंद्रा (फ़ोटो साभार: आज तक)

 

शाहीन बाग में लंगर लगाने वाले डीएस बिंद्रा दिल्ली हाई कोर्ट में वकील हैं. प्रोटेस्ट में लोगों की सेवा करने के लिए इन्होंने अपना फ्लैट बेच दिया. उनका कहना है कि गुरुद्वारे में लंगर लगाते हैं, इससे बेहतर है कि देश के उन लोगों की सेवा की जाए जो संविधान की रक्षा के लिए त्याग कर रहे हैं.

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ करीब दो महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है. इन प्रदर्शनकारियों के लिए लोगों ने लंगर लगाना भी शुरू कर दिया है. लंगर चलाने वालों में डीएस बिंद्रा भी शामिल हैं जिन्होंने प्रदर्शनकारियों के भोजन का इंतजाम करने के लिए अपना फ्लैट तक बेच दिया.

शाहीन बाग में लंगर लगाने वाले डीएस बिंद्रा दिल्ली हाई कोर्ट में वकील हैं. प्रोटेस्ट में लोगों की सेवा करने के लिए इन्होंने अपना फ्लैट बेच दिया. उनका कहना है कि गुरुद्वारा में लंगर लगाते हैं, इससे अच्छा है कि देश के उन लोगों की सेवा की जाए जो संविधान की रक्षा के लिए त्याग कर रहे हैं.

डीएस बिंद्रा ने बताया कि उन्होंने शुरुआत में खुरेजी और मुस्तफाबाद में लंगर लगाया था. बाद में वह शाहीन बाग चले आए. उन्होंने बताया कि वह शाहीन बाग में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया,’हम किसी से भी कैश नहीं ले रहे हैं. फिर भी पंजाबी के साथ अन्य सभी समुदायों के लोगों का साथ मिल रहा है. कोई सब्जी लेकर आ रहा है, कोई रिफाइंड तेल लेकर आ रहा है. इस तरह जनता से हर तरह की मदद मिल रही है.’

डीएस बिंद्रा ने कहा कि जब हम परिवार के छह लोग गुरुद्वारा जाते हैं तो माथा टेकते हैं और 50-50 रुपये दान करते हैं. इससे बेहतर है कि हम मानवता के लिए काम करें.

आर्थिक स्थिति के बारे में वह कहते हैं कि वाहे गुरु ने जो दिया है कि उसे रखने का क्या फायदा है. जो ईश्वर ने दिया है उसे लोगों की सेवा में लगाने में ही भला है. फ्लैट इसीलिए बेच दिया कि लंगर का खर्च उठाने के लिए पैसों की जरूरत थी. कैश नहीं था. इसलिए प्रॉपर्टी बेचने का फैसला किया.

डीएस बिंद्रा ने बताया कि फ्लैट बेचने से पहले उन्होंने बच्चों की राय ली थी. बिंद्रा ने बताया कि बच्चों की सहमति से फ्लैट बेचने का फैसला किया. एक बेटी है जो एमिटी यूनिवर्सिटी से MBA कर रही है. बेटे की  मोबाइल की दुकान है. मेरे बच्चों का कहना है कि गुरुद्वारे में दान करने से अच्छा है कि शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाले लोगों के लिए खाने का इंतजाम किया जाए.

अभी रहने के लिए हमारे पास एक फ्लैट है. इसीलिए लंगर के लिए पैसा जुटाने की खातिर दूसरा फ्लैट बेच दिया. बता दें कि डीएस बिंद्रा के अलावा पंजाब से आए लोगों ने अलग से लंगर लगाया हुआ है.

(आज तक से साभार)

 

Liked it? Take a second to support द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी टीम on Patreon!
Become a patron at Patreon!