
भारतीय रेलवे की कैटरिंग सेवा में नौकरी के लिए देश के एक प्रमुख अंग्रेज़ी अखबार में एक विज्ञापन छपा जिसमें केवल एक जाति के ही आवेदक नौकरी का आवेदन कर सकते हैं और वह जाति खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल की है.
भारतीय रेल सेवा के कैटरिंग विंग के एक ठेकेदार ने एक अंग्रेज़ी अखबार में विज्ञापन दिया जिसमें कहा गया कि कैटरिंग मैनेजर, बेस किचन और अन्य प्रबंधन के लिए लोगों की जरूरत है, लेकिन इसके लिए केवल अग्रवाल वैश्य समुदाय के लोग जिनका पारिवारिक बैकग्राउंड बढ़िया हो ही आवेदन कर सकते हैं.
भारतीय रेलवे के केटरिंग विंग ‘IRCTC’ के साथ जुड़े एक प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर ने 100 पुरुष उम्मीदवारों की भर्ती के लिए एक विज्ञापन निकाला है. विज्ञापन की सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इस विज्ञापन में सिर्फ वैश्य अग्रवाल समुदाय के उम्मीदवारों को भर्ती करने की बात कही गई है जो केन्द्रीय रेल मंत्री की जाति है.
वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स ‘आरके मील्स’ नाम के साथ प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर के तौर पर IRCTC (इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) के साथ जुड़ा है. इसका मुख्यालय दिल्ली के ओखला में है और इस पर कम से कम 100 ट्रेन में खाना मुहैया कराने का जिम्मा है.
प्राइवेट कॉन्ट्रेक्टर की ओर से भर्ती का विज्ञापन 6 नवंबर 2019 को देश के एक अहम अखबार में प्रकाशित हुआ . इसमें विभिन्न प्रंबधकीय पदों के लिए 100 पुरुष उम्मीदवारों की आवश्यकता जताई गई. ये रिक्तियां रेलवे फूड प्लाजा, ट्रेन केटरिंग, बेस किचन और स्टोर मैनेजमेंट में दिखाई गईं.
विज्ञापन में चौंकाने वाली शर्त ये थी कि सिर्फ अग्रवाल वैश्य समुदाय से जुड़े अच्छी पारिवारिक बैकग्राउंड के पुरुष उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं .
विज्ञापन के प्रकाशित होने के बाद रेलवे डैमेज कण्ट्रोल अब कर रही है. भारतीय रेलवे ने इस विज्ञापन पर अपनी प्रतिक्रिया में कॉन्ट्रेक्टर से जाति, नस्ल और धर्म आधारित विज्ञापन देने से बचने के लिए कहा है. रेलवे अधिकारियों का ये भी कहना है कि कॉन्ट्रेक्टर ने संबंधित एचआर मैनेजर को बर्खास्त कर दिया है.
सवाल यह उठता है कि क्या एचआर मैनेजर को ही निकाल देने भर से यह मामला निबट जाना चाहिए? रेलवे ने ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई का अब तक एलान नहीं किया है.
रेलवे इस प्रकरण में बस एक ब्यान जारी करके अपना दामन धोने के चक्कर में है. अपने बयान में रेलवे ने कहा है- “IRCTC ने गंभीर रुख अपनाया है और कॉन्ट्रेक्टर को जाति आधार पर नोटिस देने से बचने के लिए कहा है. साथ ही किसी भी जाति/नस्ल/धर्म या क्षेत्र से योग्य उम्मीदवारों की भर्ती करने के लिए कहा है. कॉन्ट्रेक्टर की ओर से IRCTC को पुष्टि की गई है कि विज्ञापन के लिए ज़िम्मेदार एचआर मैनेजर को हटा दिया गया है.”
रेल मंत्री का इस पर अब तक कोई ब्यान नहीं आया है. ट्विटर पर रेल मंत्री से प्रश्न पूछा गया है लेकिन इसका उत्तर अब तक नहीं मिला है.
What would you like to say about this advertisement Mr. @PiyushGoyal, @PiyushGoyalOffc? Is this advertisement not an attempt to dishearten millions of unemployed youth in search of jobs today? Should the contractor not be sacked without a delay? pic.twitter.com/BHMIpuscFC
— The Morning Chronicle (@TMCDotIN) November 7, 2019