
हैदराबाद (तेलंगाना), 16 अप्रैल, 2018 (टीएमसी हिंदी डेस्क)| आज एनआईए कोर्ट के जिस जज ने मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस से संबंधित अपने फैसले से असीमानंद समेत 5 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था यह कह कर कि अभियोजन पक्ष इनके विरुद्ध सबूत पेश नहीं कर सका ने अपने इस फैसले के बाद इस्तीफ़ा दे दिया है।
एनआईए अदालत के जज रविंदर रेड्डी ने यह इस्तीफ़ा क्यों दिया इसका कारण अभी पता नहीं चला है लेकिन इन्होने अपना इस्तीफ़ा उच्च न्यायालय को भेज दिया है। इसकी पुष्टि एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को किया है।
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी जो इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण बता रहे हैं ने जज के इस्तीफ़ा को लेकर हैरानी जताई है।
“एनआईए जज जिन्होंने मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस से सभी को बरी कर दिया का इस्तीफ़ा, पहेली जैसा है और मैं माननीय के निर्णय से बहुत अचंभित हूँ” ओवैसी ने ट्वीट किया.
NIA judge who gave Mecca Masjid blast verdict, resigns..
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi surprised with the decision. Listen in to the AIMIM Chief..pic.twitter.com/i4NG8QyCFX— Syed Sulaiman (@syedsulaiman92) April 16, 2018
8 मई, 2007 को प्रतिष्ठित चारमीनार के पास स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शक्तिशाली विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे। इस घटना के 11 साल बाद अदालत ने पाया है कि इन अभियुक्तों के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है।
अदालत ने असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, भरत मोहनलाल रातेश्वर और राजेंद्र चौधरी को बरी कर दिया है। इन पर एनआईए ने शक्तिशाली विस्फोट करने का आरोप लगाया था।
इस मामले में आठ आरोपी थे, जिनमें से एक आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की जांच के दौरान हत्या हो गई थी। दो अन्य आरोपी संदीप वी. दांगे और रामचंद्र कालसंगरा अभी भी फरार हैं।