
झारखंड की राजधानी राँची में वीमेंस कॉलेज की छात्रा रिचा भारती को रांची सिविल कोर्ट ने सोमवार को सामाजिक सज़ा सुनाई थी. सज़ा में रिचा को सशर्त बेल देते हुए न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने उन्हें क़ुरान की पांच प्रतियां बाँटने का आदेश दिया था जिस शर्त को आज अदालत ने तब वापस ले लिया जब वकीलों ने उनके कोर्ट का 48 घंटों तक कार्य बहिष्कार किया और अदालत परिसर में उनकी बर्खास्तगी की मांग करते हुए उग्र प्रदर्शन किए गए. पुलिस ने अर्जी दे कर कहा कि इस सज़ा को लागू कराना उनके बस की बात नहीं.
रिचा पटेल उर्फ रिचा भारती पर आरोप था कि उनके फ़ेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पोस्ट से इस्लाम मानने वाले लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. इससे सामाजिक सदभाव बिगड़ सकता है. इसी को लेकर एक शिकायत की गयी थी जिसके बाद पुलिस ने 12 जुलाई की शाम उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
पिठोरिया के सोनार मोहल्ला में रहने वाली रिचा पटेल के खिलाफ पुलिस ने आइपीसी की धारा 153 (ए) (1) (ए), (बी) और 295 (ए) के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी और उन्हें तीन दिन जेल में रखा गया था.
वकीलों ने किया भारी विरोध
न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत के फैसले के बाद राँची बार एसोसिएशन के वकीलों ने उनकी कोर्ट का 48 घंटे तक कार्य बहिष्कार किया और उन्हें उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की. उनका बहिष्कार कल तक के लिए था लेकिन अदालत को वकीलों के दबाव और पुलिसिया बेचारगी के आगे झुकना पड़ा और अपने फ़ैसले से यह शर्त वापस लेना पड़ा.
सुब्रमनियन स्वामी ने भी किया था रिचा का समर्थन
भाजपा के मोदी विरोधी वरिष्ठ नेता सुब्रमनियन स्वामी ने अपने ट्वीट में रिचा की सराहना की और कहा कि वह इश्करन भंडारी नाम के वकील से संपर्क करें और मैं उन्हें अदालत में मदद करूंगा.
“मैं आशा करता हूँ कि रिचा इशकरण से संपर्क करेंगी. वह इस मुद्दे के लिए सबसे बेहतर हैं और मैं अदालत में उन्हें मदद करूंगा. कुरान का वितरण उन भागों की स्वीकृति है जिसमें काफ़िरों और परिणामों की बात की गयी है. रिचा सभी असली हिन्दुओं के लिए लड़ रही है. हम दुसरे के धर्मों की किताब नहीं बाँट सकते,” स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा.
I hope Richa Bharti contacts @Ish_Bhandari . He is the best for this issue and I will help him in court. Distribution of Koran means approval of sections which talk of Kafirs and consequences. Richa is fighting for all genuine Hindus. We cannot circulate theology of others
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 17, 2019
गीता बाटेंगे मुस्लिम नौजवान
अदालत के इस निर्णय के हिंदूवादी संगठनों और वकीलों के विरोध के बाद रांची में जनकल्याण के कामों में लगे नदीम ख़ान और उनके साथियों ने लोगों के बीच गीता बाँटने का निर्णय लिया है.
नदीम खान ने द मॉर्निंग क्रॉनिकल को फ़ोन पर बताया कि वह न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह के इस निर्णय के पीछे की भावना की सराहना करते हैं. उनहोंने आज रिचा को कुरान बांटने के लिए कहा था तो कल वह किसी मुस्लिम को गीता बाँटने का भी आदेश देते.
उन्होंने बताया कि पहले उनका गीता बांटने का यह कार्यक्रम 18 जुलाई को ही था. लेकिन अभी इसे स्थगित कर दिया गया है.
उनहोंने कहा कि अभी हम इस काम को रांची में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति को देखकर स्थगित कर रहे हैं लेकिन वह इस काम को करेंगे. इससे समाज में वैमनस्य घटेगा. उनहोंने कहा कि गीता के अलावा वह संविधान की प्रतियां भी बांटेंगे.
न्यायालय और प्रशासन की बेबसी
भारत के इतिहास में शायद यह पहली घटना हो जब किसी न्यायाधीश को भीड़ के दबाव में अपने ही निर्णय 24 घंटों के अंदर बदलने पड़े हों.