
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि चुनावी वादों में कृषि कर्ज माफी की घोषणा नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने इस बारे में निर्वाचन आयोग को खत लिखकर कहा कि ऐसे मुद्दे चुनावी वादों में शामिल नहीं होने चाहिए। कृषि कर्ज माफी से न केवल कृषि क्षेत्र में निवेश को नुकसान पहुंचता है, बल्कि ऐसा करने वाले राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी दबाव पड़ता है।
‘ऐन इकनॉमिक स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया’ नामक रिपोर्ट जारी करते हुए राजन ने कहा कि कृषि कर्ज माफी का लाभ बेहतर ताल्लुकात वाले लोगों को ही मिलता है, न कि किसी गरीब किसान को। दूसरी बात, कर्ज माफी राज्यों की अर्थव्यवस्था के लिए भारी परेशानी का सबब बन जाती है, जिससे कृषि क्षेत्र में निवेश पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है, जिसमें किसान एक वाइब्रेंट फोर्स हो सकते हैं और इसके लिए अधिक से अधिक संसाधनों की जरूरत है।
बता दें कि राजन के अलावा दूसरे आरबीआई गवर्नर भी कर्ज माफी का विरोध करते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे क्रेडिट कल्चर खराब होता है । कहा कि अगर सभी राजनीतिक दल ऐसा न करने पर सहमत हों तो यह देश के हित में होगा।