
सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा की अग्रिम जमानत याचिका को केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को खारिज कर दी. कार्यकर्ता रेहाना उन दो महिलाओं में शामिल थीं जो 19 अक्टूबर को पर्वत की चोटी पर पहुंचे थे लेकिन उन्हें अयप्पा भक्तों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद गर्भ गृह पहुंचने से पहले वापस लौटना पड़ा था.
दरअसल पथानमथिट्टा पुलिस ने राधाकृष्ण मेनन की शिकायत के आधार पर इस कार्यकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता के कुछ फेसबुक पोस्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. उनके खिलाफ भादंसं की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
वही इस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अक्टूबर में मासिक पूजा के लिए मंदिर खुलने पर इसमें प्रवेश का प्रयास करके चर्चाओं में आई थीं. गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए कार्यकर्ता ने अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका उच्च न्यायालय में दायर की.