
नई दिल्ली: मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में बीजेपी ने कांग्रेस से सीधे मुकाबले में पहली बार दो राज्य गंवाए हैं, फिर भी बीजेपी इसे बड़ा झटका मानने को तैयार नहीं है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह ब्रैंड मोदी के लिए कोई झटका नहीं है। पार्टी को लग रहा है कि 15 साल की एंटी इनकम्बेन्सी के बावजूद मध्य प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस को वह कड़ी टक्कर दे रही है, वह उसके लिए ज्यादा अहम है।
इसी तरह राजस्थान में भी उसने कांग्रेस को वॉकओवर नहीं दिया, वहां कांग्रेस हांफते-हांफते ही बहुमत के आंकड़े तक पहुंच रही है। हालांकि पार्टी को छत्तीसगढ़ में ऐसी करारी हार की उम्मीद नहीं थी, ऐसा बीजेपी सूत्रों का कहना है। उनका तर्क है कि बीजेपी वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बजाय राज्य के मुख्यमंत्री (रमन सिंह) के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी।
इन चुनावों में बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ही थे, ऐसे में अब नजरें उन पर हैं कि वह आगे क्या कदम उठाते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी में बड़े बदलाव हो सकते हैं। पार्टी के एक सीनियर नेता का दावा है कि राजस्थान में एक महीने पहले तक जहां बीजेपी को 35 सीटें मिलने की ही उम्मीद थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 2014 के बाद बीजेपी ने जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीते, उनमें सिर्फ गुजरात और गोवा ही ऐसे राज्य थे, जिनमें बीजेपी सत्ता में थी।