चारा घोटाला में लालू प्रसाद दोषी और जेल, जगन्नाथ मिश्रा बरी




लालू को न्यायिक हिरासत में ले जाते हुए (चित्र: ANI)

-द मॉर्निंग क्रॉनिकल हिंदी डेस्क

रांची (झारखंड), 23 दिसंबर, 2017 बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद को शनिवार को सीबीआई के विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले मामले में दोषी ठहराया गया। उन्हें न्यायिक हिरासत भी भेज दिया गया।

हालांकि, इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और छह अन्य को बरी कर दिया गया।



3 जनवरी को सजा घोषित की जाएगी। यह फ़ैसला विशेष सीबीआई न्यायाधीश शिपाल सिंह ने सुनाया।

घोटाले का मामला धोखाधड़ी करके देवघर जिले के सरकारी खजाने से 84.5 लाख रुपए निकालने से संबंधित है।

सुनवाई 13 दिसंबर को विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) रांची अदालत में पूरी हुई थी।

इस पूरे मामले में 34 अभियुक्त थे, जिनके खिलाफ मुकदमा था जिनमें मुकदमे के दौरान 11 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि एक सीबीआई का अनुमोदक बन गया और उसने अपराध को स्वीकार कर लिया।

अदालत में पेश होने से पहले, लालू प्रसाद यादव ने अपने समर्थकों से अपील की कि अगर उनके खिलाफ फैसले आएं तो वे संयम बरतें। इस सुनवाई में लालू प्रसाद के साथ उनके पूर्व उप मुख्यमंत्री पुत्र तेजस्वी यादव मौजूद थे।

शनिवार को भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने इस सुनवाई से संबंधित ट्वीट किया और लालू को शुभकामनाएं दी थी। “आशा है और प्रार्थना करता हूं कि देश के मित्र, जनता के नायक और दबे कुचलों के पसंदीदा, एक और एकमात्र लालू यादव को वांछित और सही न्याय मिले। सत्यमेव जयते ?? भगवान उन पर कृपा करे!, “उन्होंने ट्वीट किया।

इसी से संबंधित हमारा आज का प्रश्न। क्या लालू प्रसाद राजनीतिक साज़िश के शिकार हैं? अगर हैं तो Yes क्लिक करें, न तो No क्लिक करें और यदि निश्चित न हों तो Cannot Say क्लिक करें।

 

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1 Comment

  1. एक ही केस जहाँ जग्गनाथ मिश्रा को बेल मिल गई और लालु यादव को जेल की सजा हो गई। यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि देश किस दिशा में अग्रसर है। और ऐसा भी नहीं है कि लालु यादव ने कोई गुनाह ही नहीं किया हो। लालू ने भी जिस हद तक हुआ लोगों को टिकट देने में लोगों से जमीन लिखवाई रुपये वसूले। अर्थात जिस तरह हुआ लोगों का शोषण किया। अपने समर्थकों का भी सम्मान भी नहीं किया। बल्कि बेइज्जती की उनका दिल दुखाया। पिछले विधानसभा चुनाव मे ममतदान के बाद भागलपुर से बीस पच्चीस व्यक्ति का एक दल उन्हें आशवस्त करने के लिए उनसे मुलाकात के दौरान कहा कि पार्टी आठो सीट पर सफलता हासिल करेगी। लालू यादव ने बिना किसी देरी के सवाल कर दिया कि वहां यादव नहीं था क्या। लालू यादव को उन लोगों को विनम्रतापूर्वक बातें सुनकर उन लोगों को धन्यावाद देना चाहिए था। लेकिन सत्ता के नशे में धुत और अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझना। यह सारी हरकतों से लोगों की आह और लालू के आकुत सम्पत्ति जमा करने की लालच इन्हें कहॉ ले जाएगी यह देखना बाकी है।

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