
लखनऊ : फ़र्ज़ी मुठभेड़ का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि उत्तर प्रदेश में फिर एक मामला सामने आ गया. लखनऊ के गोमती नगर में शुक्रवार देर रात करीब पौने तीन बजे मकदूमपुर पुलिस चौकी के पास दो सिपाहियों ने एसयूवी में सवार ‘एप्पल’ के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी. गोली लगते ही उसका संतुलन बिगड़ा और गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई. वहीं सिर पर गोली लगने से विवेक की मौके पर ही मौत हो गई.
हादसे के वक्त विवेक तिवारी के साथ रही सना की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर फायरिंग करने वाले कांस्टेबल प्रशांत कुमार और संदीप को गिरफ्तार कर लिया है.
घटना के समय विवेक के साथ उनकी महिला सहयोगी सना मौजूद थी. सना ने बताया कि मोबाइल लाचिंग के बाद एक पार्टी थी. पार्टी के बाद ही विवेक उन्हें विनीत खंड तीन में स्थित घर पर छोड़ने जा रहे थे. रास्ते में विवेक ने गाड़ी रोकी थी. तभी बाइक सवार दो पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और चेकिंग के बहाने गाड़ी रोकने लगे.
इस मामले में विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपी (प्रशांत चौधरी) की पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस 12 घंटे के बाद भी उनकी एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है. उनको बताया जा रहा है कि सीएम के कहने पर उनका मामला दर्ज नहीं हो रहा है.
वही विवेक तिवारी के साले विष्णु शुक्ला ने उनकी मौत पर सवाल उठाते हुए पुलिस पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि क्या विवेक तिवारी कोई आतंकी था, जो कि उन्हें गोली मार दी गई. हमने योगी आदित्यनाथ को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुना है. हम चाहते हैं कि वह इस मामले का संज्ञान लें. हम इस पूरे मामले की निष्पक्ष रूप से सीबीआई जांच चाहते हैं.
विवेक तिवारी के हत्या के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यह घटना एनकाउंटर नहीं है. अगर जरुरत पड़ी को तो इस घटना की सीबीआई जांच होगी. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया में जो दोषी थे वो गिरफ्तार हो चुके हैं.
वहीं इस हादसे पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि किसी भी पुलिस अधिकारी को सेल्फ डिफेंस के तहत जान लेने का कोई अधिकार नहीं है. यह हत्या का ही मामला है जो पुलिसकर्मियों ने किया है. इसी के तहत उन पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. पोस्टमार्टम की कार्रवाई हो गई है. पोस्टमार्टम में भी इस बात की पुष्टि हुई है गन शॉट इंजरी से विवेक की मौत हुई है.