
नई दिल्ली, 22 अप्रैल, 2018 (टीएमसी हिंदी डेस्क)। पिछले कई दिनों से एटीएम नोटों से ख़ाली है लेकिन यह ऑनलाइन उपलब्ध है. जी हाँ, चौंकिए मत, मोदी राज के डिजिटल इंडिया में अब कुछ असंभव नहीं. अब आप बिलकुल टकसाल से निकलते खरखराते नोट इसकी ओरिजिनल महक के साथ घर बैठे मंगा सकते हैं. इसमें वैरायटी भी है. अगर आपको 786 नंबर से लगाव है तो आप 786 नंबर वाला नोट भी मंगा सकते हैं. ये नोट ईबे नाम की एक ई-कॉमर्स साईट पर उपलब्ध है.
नोट कई तरह के हैं. नए नोट, पुराने नोट, 786 वाले नोट और कई तरह के नोट और सबके दाम अलग अलग. 100 रुपए वाले नोट की क़ीमत जिसका नंबर 786 वाला है 50 हज़ार रुपए में उपलब्ध है. 50,10 और 200 वाले नए नोट भी यहाँ उपलब्ध हैं.

यहाँ तक कि वैसे नोट जो नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित हो गए हैं वे भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. आप 500 रुपए का प्रतिबंधित नोट 1499 में खरीद कर अपने लिए जेल के दरवाज़े खोल सकते हैं.

आप इन नोटों की खरीदारी अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या ऑनलाइन बैंकिंग से कर सकते हैं। यह कैश ऑन डिलीवरी उपलब्ध नहीं है. इसको खरीदने लिए गेस्ट कस्टमर का भी विकल्प उपलब्ध नहीं है. आपको साइन अप करना होगा या पंजीकृत यूजर हैं तो साइन करना होगा.
कहाँ तक सही है किसी देश के मुद्रा की कालाबाज़ारी?
इस बारे में जब द मॉर्निंग क्रॉनिकल टीम ने भूतपूर्व बैंकर और अल खैर कोआपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के चेयरमैन शमीम रिज़वी से बात की तो उनहोंने कहा कि करेंसी नोट की ऑनलाइन सेल पूरी तरह से गैर क़ानूनी है. करेंसी नोट भारतीय रिज़र्व बैंक धारक को बैंक की तरह से एक वादा कि जो मूल्य लिखा है वह उसे मिलेगा. इससे ज्यादा या कम की कोई गुंजाइश नहीं. यह मामला पूरी तरह से अंधविश्वास के नाम पर गोरखधंधा का है जिस पर कारवाई होनी चाहिए।
ऑनलाइन खोजबीन करने पर ऐसा मालूम होता है कि यह गोरख धंधा पिछले साल से ही चल रहा है। ऐसा इसलिए कि Quora नाम की साईट पर यह प्रश्न 2015 में पूछा गया था जिसका जवाब कानून की पढ़ाई कर रहे कुनाल कुमार ने दिया था कि “भारत में सामान की खरीद-बिक्री वस्तु विक्रय अधिनियम 1930 के अनुसार संचालित होता है जिसमें लिखा है कि पैसा वस्तु नहीं है और इसे बेचा नहीं जा सकता।“