महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के करीबी विधायक आशीष देशमुख का भाजपा से इस्तीफा




विदर्भ के कटोल विधान सभा से भाजपा विधायक

भाजपा को आज महाराष्ट्र में भाजपा का गढ़ माने जाने वाले विदर्भ में तब झटका लगा जब विदर्भ के भाजपा के कद्दावर नेता और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री देवेंद्र फड़नवीस के करीबी माने जाने वाले कटोल के विधायक डॉ आशीष देशमुख ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया.

डॉ आशीष ने एक निजी चैनल को साक्षात्कार में बताया कि जिन उम्मीदों से विदर्भ के लोगों ने 62 में से 44 विधायक भाजपा को दिया था वह साढ़े चार साल में अब तक पूरा नहीं हुआ. उनहोंने कहा कि विदर्भ ने इस उम्मीद से भाजपा को वोट किया था कि अच्छे दिन आएँगे, किसानों की खुशहाली होगी, युवाओं को रोज़गार मिलेगा, हमारे व्यापारियों का काम धंधा बढेगा, दलित, शोषित और अल्पसंख्यकों के भी भी दिन अच्छे होंगे. लेकिन वह अपेक्षाएं हमारी पूरी नहीं हुईं, चार साढ़े चार साल हो गए लेकिन समाज के इन महत्वपूर्ण वर्गों को कोई भी सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिले. उनहोंने कहा कि लोगों की नाराजगी को वह एक साल से शासन को बता रहे थे लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ. लोगों की नाराज़गी को सिरे से नज़रंदाज़ कर दिया गया. उनहोंने कहा कि जनता की नाराजगी को भी अनसुना किया गया साथ ही जन प्रतिनिधियों की आवाज़ भी नहीं सुनी गयी. उनहोंने कहा कि इन ही कारणों से आज उनहोंने अपना इस्तीफ़ा महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष को दे दिया है.



क्या यह देवेंद्र फड़नवीस और मोदी सरकार की नाकामी है? इस सवाल के जवाब में उनहोंने कहा कि चार साढ़े साल के बाद भी विदर्भ खासकर नागपुर में किसानों की आत्महत्या का दर बढ़ा है और मैग्नेटिक महाराष्ट्र, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाएं कहीं भी धरातल पर कारगर साबित नहीं हुई हैं. रोज़गार युवाओं को नहीं मिल रहे हैं. बेरोज़गारी की वजह से युवा त्रस्त हैं. बाक़ी समाज के जो वर्ग हैं चाहे वह आदिवासी हों, दलित हों, व्यापारी हों यह भी सरकार की नीतियों से त्रस्त हो चुके हैं. और इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को 2019 में भुगतना पड़ेगा.

अनुमान लगाया जा रहा है कि 2 अक्टूबर को सोनिया और राहुल से वर्धा के सेवाग्राम में मिलने के बाद डॉ आशीष ने भाजपा से अपना इस्तीफ़ा विधान सभा अध्यक्ष को सौंपा है. यह भी कयास लगाया जा रहा है कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

डॉ आशीष ने प्रधान मंत्री मोदी से विदर्भ को अलग राज्य का स्टेटस देने का भी आग्रह किया और कहा कि विदर्भ को अलग राज्य बनाने से वहां की जनता खुशहाली की ओर अग्रसर होगी.

गौरतलब है कि देवेंद्र फड़नवीस भी विदर्भ राज्य से ही आते हैं. वह नागौर दक्षिण पश्चिम से विधायक हैं.

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